Corruption : हफीज़ खान. राजनांदगांव। नगर निगम द्वारा चौपाटी क्षेत्र में हाईटेक सुलभ शौचालय निर्माण और स्थानीय नागरिकों के विरोध के बीच इस क्षेत्र में सुलभ शौचालय को लेकर चौंकाने वाले मामले सामने आया हैं। बसंतपुर वार्ड नंबर 42 और 43 में दो ऐसे सुलभ शौचालय हैं जो पूरी व्यवस्था में भ्रष्टाचार की पोल खोल रहे हैं।
राजनांदगांव शहर के वार्ड नंबर 43 में आंगन बाड़ी के बगल से लगभग 15 वर्ष पूर्व सुलभ शौचालय निर्माण हुआ था, जो बीते कई वर्षों से बंद पड़ा है और अब यह खंडहर हो चुका है। जिसका उपयोग नहीं होने पर स्थानीय पार्षद की सूचना पर नगर निगम ने इसे कंडम घोषित कर दिया है। लेकिन इस सुलभ शौचालय के मेंटेनेंस के लिए बाकायदा रुपए खर्च किए जा रहे हैं और प्रति माह स्वच्छता श्रृंगार योजना के तहत इसके संचालन, साफ सफाई के लिए 15 हजार रूपये की राशि भी जारी हो रही है। वहीं वार्ड नंबर 42 में एक ऐसा सुलभ शौचालय है जिसका निर्माण तो हुआ पर इसका लाभ क्षेत्र के लोगों को नहीं मिला और यह सुलभ शौचालय भी खंडहर हो गया है। इस सुलभ शौचालय की जानकारी भी नगर निगम के पास नहीं है। शौचालय के संबंध में कोई भी फाइल नहीं होने की वजह से यह बंद पड़ी हुई है। स्थानीय पार्षद ऋषि शास्त्री द्वारा इस सुलभ शौचालय को संचालित के लिए नगर निगम को पत्र लिखा गया, लेकिन निगम द्वारा इसकी फाईल गुमने की जानकारी दी गई है।
वार्ड नंबर 43 में खंडहर में तब्दील हो चुके सुलभ शौचालय को लगभग 2 वर्ष पूर्व नगर निगम द्वारा कंडम घोषित किया गया है। लेकिन श्रृंगार योजना के तहत इस सुलभ शौचालय के लिए केयरटेकर एजेंसी सुलभ इंटरनेशनल को 15 हजार रूपये की राशि जारी की जा रही है। जबकि यह सुलभ शौचालय वर्षों से बंद पड़ा हुआ है। वार्ड की गुलमत बाई यादव ने बताया कि उनके घर में शौचालय नहीं है और इस सुलभ शौचालय के चालू नहीं होने की वजह से उन्हें खुले में शौच जाना पड़ता है।
अक्सर सरकारी कामकाज में कई चीजे कागजों में होती है पर धरातल पर नहीं होता लेकिन राजीव नगर वार्ड नं. 42 का सुलभ शौचालय धरातल पर तो है पर कागजों में इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। 12 सीटर यह सुलभ शौचालय साइंस कॉलेज के पीछे नाले और कचरा संग्रहण केंद्र की बगल से बना हुआ है। रिकॉर्ड में नहीं होने के चलते इस सुलभ शौचालय की ओर ध्यान नहीं है, जिसकी वजह से यह बंद पड़ा है और खंडहर हो रहा है।
इस मामले में नगर निगम के कार्यपालक अभियंता यूके रामटेके का कहना है कि कुछ माह से सुलभ शौचालयों का भुगतान नही किया गया है।