Pola Festival: सोमवती अमावस्या को कोरबा नगर और आंचल में परंपरागत रूप से पोला पर्व मनाया गया। इस अवसर पर कृषि कार्य के लिए उपयोग में आने वाले बैलों की पूजा की गई । कुछ क्षेत्रों में उपलब्धता के हिसाब से मिट्टी के बैल पूजे गए। प्रदेश सरकार के द्वारा इस दिन अवकाश घोषित करने से हर कहीं रौनक नजर आई।
खेती से जुड़कर जीविकापार्जन करने वाले वर्ग ने आस्था और विश्वास के साथ पोला पर्व मनाया। लोगों ने अपने घरों में मिट्टी से बने बैलों के प्रति की पूजा की और ईश्वर से समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजन तैयार किए गए और इन्हें प्रसाद के तौर पर वितरित किया गया। पंडित कृष्नेश्वर ने बताया कि यह पर्व कृषि क्षेत्र में उपयोग आने वाले पशुधन के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन करने से जुड़ा हुआ है।
कोरबा नगर के साथ जिले के ग्रामीण अंचल में यह पाव परंपरा के साथ मनाया गया। इस मौके पर लोगों ने छत्तीसगढ़ के तीज त्योहार से जुड़ी परंपरा और संस्कृति को मजबूत करने का प्रयास किया।