सतीश साहू, जगदलपुर। Jagdalpur News : 5 सितंबर शिक्षक दिवस पर छत्तीसगढ़ राज्य के सभी जिलों से लगभग 52 शिक्षकों को उनके कार्य क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य एवं समाज सेवा के लिए राज्यपाल के द्वारा सम्मानित किया जाना निर्धारित है, इसी क्रम में बस्तर जिले से जगदलपुर स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला कन्या क्रमांक 02 में पदस्थ मीरा हिरवानी व्याख्याता (संस्कृत) का भी नाम चयन हुआ।
आइए संक्षिप्त में जानते हैं मीरा हीरवानी कौन है। मीरा हिरवानी व्याख्याता (संस्कृत) वर्तमान में शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला कन्या क्रमांक 02 में पदस्थ है।
1. इनकी प्रथम नियुक्ति 22/12/1984 को प्राथमिक शाला बजावण्ड, विकासखण्ड बकावण्ड में सहायक शिक्षक के पद पर हुई थी। वहां 7 वर्ष सेवा देने के पश्चात वर्ष 17/07/1991 को मैं शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पंडरीपानी में पदस्थ हुई। संस्था में विज्ञान विषय की अध्यापन के साथ-साथ छात्राओं को विभिन्न सांस्कृतिक, बौद्धिक विकास हेतु प्रयत्न कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
2. माध्यमिक शाला पण्डरीपानी में 14 साल तक सेवा देने के पश्चात वर्ष जुलाई 2003 में इनकी पदस्थापना शहर के हृदय स्थल में स्थित शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला जगदलपुर में हुई। इस संस्था में कार्य करना इनके लिए बहुत बहुत ही गौरव की बात थी उनकी कार्यशैली से प्रभावित होकर संस्था के प्राचार्य डीके जैन द्वारा इन्हें स्काउट एवं गाइड का महत्वपूर्ण प्रभार दिया गया, जिसमें इन्होंने पूरी जिम्मेदारी के साथ स्काउट गाइड के बच्चों को प्रशिक्षण प्रदान कर राज्य स्तर राष्ट्रीय स्तर और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचा इनके मार्गदर्शन में 46 गाइड छात्राओं को राज्यपाल पुरस्कार एवं दो गाइड छात्रों को राष्ट्रपति का पुरस्कार प्रदान हो चुका है इसके अलावा इनके मार्गदर्शन में गाइड की छात्राएं राष्ट्रीय प्रशिक्षण केंद्र पंचमणि गदपुरी हरियाणा राष्ट्रीय जंबूरी हैदराबाद हरिद्वार जंबूरी पर्वतारोहण एवं आपदा प्रबंधन केंद्र पंचमढ़ी कुल्लू मनाली आनंतपुर साहिब पंजाब रैली और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सार्क जंबूरी बांग्लादेश एशिया पेसिफिक जंबूरी फिलिपींस विश्व स्काउट जंबूरी स्वीडन जैसे देशों में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर बस्तर जिले का नाम रोशन किया इन्हें कहा मुझे गर्व है कि मैं स्काउट गाइड के प्रभार में रहते हुए छात्रों को शारीरिक मानसिक बौद्धिक विकास कराते हुए विभिन्न देशों में अपने बस्तर के संस्कृति को पहुंचा और विभिन्न देशों की संस्कृति को हमारे बस्तर के बच्चों ने जाना।
3. युनिसेफ के अंतर्गत डी. आर. जी सदस्य के रूप में इनके द्वारा छात्राओं को किशोर एवं महिला सशक्तिकरण के लिए “तारूण्य वार्ता में किशोरावस्था में होने वाले परिवर्तन की जानकारी एवं सुरक्षा, बालविवाह के दुष्परिणाम, दहेज प्रथा उन्मूलन, महिला उत्पीड़न एवं उससे निपटने के नियमों की जानकारी, व नशामुक्ति पर विस्तृत चर्चा कर इनसे बचने के उपाय बताए गए।
4. इसके अलावा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस समारोह में इनके मार्गदर्शन में लालबाग परेड मैदान में गाइड के छात्रायें परेड में शामिल होती है।
5.एड्स, मलेरिया, एवं कुष्ठ रोग निवारण के लिए घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करना व रैली निकालना, करोनाकाल (कोविड-19) के समय मास्क बाटना, करोना जैसे गंभीर बीमारी के बारे में लोगों को सचेत करना साथ ही कोविन एवं सी.जी. टीका आनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना, महावारी स्वच्छता पर महिलाओं को जागरूक करना, यातायात के नियमों की लोगों को जानकारी देना, स्वच्छता अभियान में सहयोग कर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना और वृक्षारोपण कर पर्यावरण को सुरक्षित करना, नवरात्रि, दशहरा के समय पद यात्रियों को भोजन प्रदान कर सेवा देना व शालात्यागी बच्चों को शाला आने के लिए प्रेरित करना जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में सहयोग प्रदान करती हूँ। मुझे बागवानी करना, संगीत सुनना, प्रकृति का अध्ययन करना, देश विदेश का भ्रमण करना बहुत पसंद है।
6. इन्होंने कैंसर जैसी घातक बीमारी को हराकर अपने सभी कार्य निष्ठा पुर्वक संपादित किया। ये अभी वर्तमान में वर्ष 2017 से आज पर्यन्त शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला कन्या क्रमांक-02 में अपनी सेवाएं दे रही है और अभी ए स्काउट एवं गाइड के प्रभार में अभी भी निष्ठा पूर्वक कार्य कर रही है।