प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिनों की ब्रुनेई यात्रा पर रवाना हो गए हैं. पीएम मोदी, ईस्ट एशियाई देश ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया (Brunei Sultan Hassanal Bolkiah) के निमंत्रण पर ब्रुनेई दारुस्सलाम का दौरा करने वाले हैं
पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की दो दिवसीय ब्रुनेई यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में आपसी संबंधों को बढ़ाना है. पीएम मोदी की यात्रा से पहले विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बयान जारी किया था और बताया था कि ब्रुनेई भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और इंडो-पेसिफिक के विजन के लिहाज से एक महत्वपूर्ण साझेदार है. ब्रुनेई में तेल और प्राकृतिक गैस भंडार है. मौजूदा समय में ब्रुनेई से भारत हाइड्रोकार्बन आयात कर रहा है. इसके साथ ही प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. उम्मीद है कि पीएम मोदी की यात्रा के दौरान प्राकृतिक गैस के मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है. इसके अलावा भारत ने ब्रुनेई के हाइड्रोकार्बन सेक्टर में 270 मिलियन डॉलर का निवेश किया है और पीएम मोदी की यात्रा के दौरान इसे और बढ़ाए जाने पर चर्चा हो सकती है. इसके साथ ही भारत और ब्रुनेई के बीच स्पेस टेक्नोलॉजी, हेल्थ, समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है.
ब्रुनेई ‘एक्ट ईस्ट’ नीति, हिंद-प्रशांत के लिए दृष्टिकोण में अहम भागीदार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रुनेई और सिंगापुर को भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और हिंद-प्रशांत के लिए उसके दृष्टिकोण में महत्वपूर्ण भागीदार करार दिया और कहा कि उनकी यात्रा से दोनों देशों के अलावा वृहद आसियान क्षेत्र के साथ भी भारतीय साझेदारी और मजबूत होगी. ब्रुनेई और सिंगापुर की यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एक बयान में मंगलवार को इस बात की जानकारी देते हुए कहा, ‘जैसा कि हम अपने राजनयिक संबंधों के 40 वर्षों का जश्न मना रहे हैं, मैं सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया और शाही परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपनी बैठकों की प्रतीक्षा कर रहा हूं, ताकि हमारे ऐतिहासिक संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जा सके.