GRAND NEWS SPECIAL STORY : राजनांदगांव। गणेश चतुर्थी का पर्व राजनांदगांव के लिए ऐतिहासिक है। रियासत काल से चली आ रही इस परंपरा का आज भी पूरे विधि विधान से निर्वहन किया जा रहा है। शहर के गणेश पर्व को गणेश उत्सव बनाने में यहां के मूर्तिकारों का अहम योगदान है। शहर के कालेश्वर परिवार द्वारा चार पीढ़ियां से भगवान गणेश की प्रतिमा बनाने का सिलसिला आज भी कायम है और चौथी पीढ़ी भी अपने परिवार के इस कला की विरासत को आगे बढ़ा रही है।
गणेश उत्सव का पर्व हो और राजनांदगांव का जिक्र ना हो ऐसा पूरे प्रदेश में नहीं हो सकता। राजनांदगांव का ऐतिहासिक गणेश उत्सव का पर्व यहां की जीवंत प्रतिमाओं से पहचाना जाता है। रियासत कालीन दौर से इन प्रतिमाओं बनाने का काम यहां के कालेश्वर परिवार द्वारा किया जा रहा है। शहर के भरकापारा क्षेत्र के मूर्तिकार पांडुरंग कालेश्वर द्वारा शहर में भगवान गणेश की प्रतिमा बनाने एक युग की शुरूआत की गई। उनके बाद उनके पुत्र रामकृष्ण कालेश्वर ने अपने पिता के काम को आगे बढ़ाया और रामकृष्ण कालेश्वर के बाद उनके पुत्र कार्तिक कालेश्वर, राहुल कालेश्वर पिता की इस मूर्ति कला को आगे बढ़ते चले गए और अब उनकी चौथी पीढ़ी के रूप में कार्तिक कालेश्वर के पुत्र जयंत कालेश्वर ने इस कल की विरासत को अपने हाथों में थाम लिया है और भगवान गणेश की प्रतिमा बनाने में जुटे हुए हैं।
मूर्तिकार कालेश्वर परिवार की महिलाएं भी इस मूर्ति कला में पारंगत हो चुकी है। मूर्तिकार स्व. रामकृष्ण कालेश्वर की पत्नी चंद्रकला कालेश्वर की तरह ही उनकी बहू पुष्पा कार्तिक कालेश्वर ने भी अपने परिवार की इस कला को अपनाया और आगे बढ़ाया है। यहां सास, बहू और बेटियां भगवान गणेश की प्रतिमाएं बनाती है।
राजनांदगांव शहर में भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना का सिलसिला राजमहल से शुरू हुआ। राजमहल में पहले बाहर से प्रतिमा मंगवा कर यहां स्थापित की जाती थी। जिसकी जानकारी होने पर महाराष्ट्र से मूर्तिकार पांडुरंग कालेश्वर राजनांदगांव आए और वर्ष 1931 में भगवान गणेश की प्रतिमा बनाई, जिसे राजमहल में स्थापित किया गया और इसके बाद शहर में भगवान गणेश की प्रतिमा विराजित करने का दौर चल पड़ा। शहर की सबसे पुरानी बाल समाज और सुमिति मंडल के लिए भी पांडुरंग कालेश्वर द्वारा प्रतिमा बनाई जाने लगी। फिर यहां सिलसिला थमा नहीं बल्कि एक के बाद एक शहर में गणेश उत्सव समितियां बढ़ती गई और गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित करने का सिलसिला शुरू हो गया जो ब – दस्तूर जारी है।