mp news : ग्वालियर में एक विशाल गणेश प्रतिमा हादसे का शिकार हो गई है। बताया गया है कि सड़क पर गड्ढों की भरमार के चलते रथ सवार प्रतिमा गिरकर क्षतिग्रस्त हो गई।
ग्वालियर में शिंदे की छावनी स्थित खल्लासी पुरा के युवाओं की टोली हर वर्ष गणेश चतुर्थी के पावन मौके पर श्री गणेश प्रतिमा की स्थापना करती है। इस बार खल्लासीपुरा में 22 फिट की श्री गणेश जी की प्रतिमा सहित 11 – 11 फिट की माता ऋद्धि- सिद्धि की प्रतिमा की स्थापना की जानी थी। शनिवार को स्थानीय युवा बड़ी तादात में प्रतिमा लेने जीवाजीगंज पहुंचे थे। खल्लासीपुरा श्री गणेश प्रतिमा स्थापना समिति के पदाधिकारी ऋतिक गोयल का कहना है कि पहुंच मार्ग पर गड्ढों की भरमार थी। ऐसे में 20 घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी प्रतिमा आयोजन स्थल तक नहीं पहुंच सकी। ऋतिक बताते हैं कि बड़ी संख्या में वॉलिंटियर की मौजूदगी में और एक क्रेन की मदद से श्रीजी की प्रतिमा को काफी मशक्कत के बाद रथ पर सवार कराकर लाया जा रहा था। लेकिन खल्लासीपुरा से करीबन 150 मीटर की दूरी पर रथ का पहिया एक गड्डे में चला गया, जिससे चलते विशालकाय प्रतिमा सड़क पर गिरकर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गई। इसके बाद स्थानीय लोगों ने हंगामा कर दिया। नाराज लोग नगर निगम अधिकारियों को कोस रहे थे। उनका आरोप है कि इस हादसे के लिए नगर निगम जिम्मेदार है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के अधिकारी बल के मौके पर पहुंच गए। हालात को काबू में करने के लिए कई दफा पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। हादसे के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें प्रतिमा अनियंत्रित होकर गिरती हुई देखी जा रही है। इस हादसे में एक महिला सहित दो लोग घायल हुए हैं, जिन्हें प्रारंभिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है। इलाके में तनाव की स्थिति निर्मित होती देख क्षेत्रीय विधायक और ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर मौके पर पहुंच गए। उन्होंने नाराज लोगों से बात की और आश्वासन दिया कि दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं उन्होंने नाराज लोगों को आश्वस्त किया कि क्षतिग्रस्त प्रतिमा के अवशेषों को ससम्मान ले जाया जाएगा। तब जाकर कहीं लोगों का गुस्सा शांत हुआ। इसके बाद मौके पर जेसीबी और एक विशेष वाहन बुलवाया गया। पूरे विधि विधान से जेसीबी की सहायता से प्रतिमा के अवशेषों को एकत्र करके विशेष वाहन से सुरक्षित ले जाया गया। इस दौरान श्रीजी भक्त जय जय श्री राम और गणपति बप्पा मोरया के जयकारे लगा रहे थे।