सतीश साहू,जगदलपुर।आश्चर्य किंतु सत्य बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर के ब्राह्मण पारा पंचपथ पर स्थित ब्राह्मण स्वर्णकार अनिल दास के निवास पर एक ऐसा बल्ब है जो अनवरत 75 वर्षों से रौशन है ,,सुनने में भले ही आश्चर्य और अविश्वसनीय लगती है .. किंतु यह बिल्कुल सत्य है,
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आज 75 वर्ष के उम्र को पार करता हुआ रॉयल एंड निकलसन कंपनी का बल्ब शायद ही दुनिया ने कहीं और जगह हो गया । स्वर्णकार अनिल दास ने बताया कि बल्ब को सुरक्षा की दृष्टि से ताला लगा दिया गया है उन्होंने शासन प्रशासन से आग्रह किया है कि इसे धरोहर मानते हुए लिम्का बुक अथवा ग्रीनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने में प्रयास किए जाएं। बल्ब के विषय में अनिल दास के पिता श्री दया निधि दास जिनकी उम्र आज 82 हैं उन्होंने बताया कि जब वे 6, 7 वर्ष के रहे बचपन में उनके पिता द्वारा यह बल्ब लगाया गया है ।1950 में निर्मित मकान में आज भी 40 कमरे हैं हालांकि आज परिवार के सदस्य सीमित है केवल 5 या 6 कमरों का ही इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन जब इस मकान का निर्माण हुआ था तब उनका संयुक्त परिवार था, और काफी संख्या में लोग एक साथ रहा करते थे ,और पूरे कमरे का उपयोग किया जाता था ,परंतु परिवार के सदस्य अब सीमित है, अनिल ने बताया कि उनके पूर्वजों को उड़ीसा जगन्नाथ पुरी से बस्तर महाराजा द्वारा लाकर बसाया गया था, तब से उनका परिवार यहां निवासरत है,उनकी यह संस्थान लगभग 120 वर्ष पुरानी संस्थान है जो यहां इकलौते तौर पर दास ब्राह्मण स्वर्णकार का परिवार है।