कोरबा। CG NEWS : मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड का काम करने वाले कंप्यूटर ऑपरेटर की हादसे में मौत को लेकर परिजन और ग्रामीणों ने दूसरे दिन विरोध जताया। उन्होंने मृतक का शव मुख्य मार्ग पर रखने के साथ नारेबाजी की। वे मृतक के परिवार को 10 लाख का मुआवजा और पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग कर रहे है।
सिविल लाइन पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 32 वर्षीय पंढरीपानी गांव के निवासी काशीराम पटेल की ट्रक की ठोकर से मौत हो गई थी। उचित मूल्य की दुकानों में राशन पहुंचाने के लिए अनुबंधित ट्रक ने पटेल की बाइक को चपेट में ले लिया था। ड्यूटी से घर लौट के दौरान पटेल इस घटना में चल बसे। दूसरे दिन उनके शव का पोस्टमार्टम किया गया जिसके बाद नाराज परिजनों और ग्रामीणों ने अस्पताल के सामने शव रखकर प्रदर्शन किया। मृतक के भाई लक्ष्मी नारायण पटेल ने बताया कि जब इस रास्ते पर भारी वाहनों का चलना मना है तो इस पर अमल क्यों नहीं हो रहा है। उन्होंने प्रशासन से कहां की मृतक की पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति और परिवार को 10 लाख का मुआवजा देने की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा इस मार्ग से भारी वाहनों के परिचालन पर रोक लगाई जाए byt लक्ष्मी नारायण पटेल, मृतक का भाई
कोरबा नगर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि प्रावधान के हिसाब से प्रशासन द्वारा शुरुआती राहत राशि दी गई है। अन्य मामले में सहायता के लिए फाइल प्रशासन को भेजी जाएगी।
प्रशासन के अधिकारी ने बताया कि एक व्यक्ति की हादसे में मृत्यु होने पर परिजनों के द्वारा प्रदर्शन किया गया। उन्हें प्रारंभिक क्षतिपूर्ति दी गई है । दूसरे स्तर पर सहायता के लिए जिला प्रशासन को प्रकरण भेजा जाएगा।
रास्ते पर प्रदर्शन होने के कारण लोग परेशान हुए। छोटे बड़े वाहनों का आवागमन भी बाधित हुआ। सिविल लाइन पुलिस ने इस दौरान प्रदर्शन समाप्त करने और स्थिति को सामान्य करने की कोशिश की। काफी मान मन्नौवल के बाद प्रदर्शन समाप्त हो सका। सामान्य तौर पर इस तरह की घटनाओं में पुलिस तुरंत कार्रवाई नहीं करती लेकिन बाद में रास्ता बाधित करने को लेकर संबंधित लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करती ही है। क्योंकि आम रास्ते लोगों के चलने के लिए हैं और उन पर बाधा उत्पन्न करने की अनुमति किसी को नहीं है।