Bihar News : दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी गूगल (Google) ने भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल कार्यालय के प्रधान लिपिक राजीव नयन चौधरी की बहु अलंकृता साक्षी को सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर काम करने का मौका दिया है. अलंकृता भागलपुर जिले के नवगछिया के सिमरा गांव के शंकर मिश्रा की पुत्री हैं, जो फिलहाल झारखंड के कोडरमा में रह रहे हैं.
गूगल से पहले विप्रो और सैमसंग में किया है काम
अलंकृता साक्षी(Akankrita Sakshi) के ससुर राजीव नयन चौधरी ने बताया कि गूगल कंपनी में आने से पहले वह दो साल बेंगलुरु में विप्रो कंपनी में, एक साल अर्न्स्ट एंड यंग कंपनी में और एक साल सैमसंग हार्मन में काम कर चुकी हैं. यहीं से उनका चयन गूगल में हुआ. उन्होंने आगे बताया कि मेरे बेटे मनीष कुमार की शादी 8 दिसंबर 2023 को है. अलंकृता साक्षी का पैतृक घर नवगछिया के सिमरा गांव है. अलंकृता का परिवार अभी झारखंड के कोडरमा जिले के झुमरी तलैया में रह रहा है. उनके पिता कोडरमा में प्राइवेट नौकरी करते हैं और मां रेखा मिश्रा एक निजी स्कूल में शिक्षिका हैं.
कोडरमा और हजारीबाग में हुई पढ़ाई
अलंकृता साक्षी के ससुर ने बताया कि उनका बचपन झारखंड के कोडरमा में बीता और वहीं से उनकी पढ़ाई लिखाई हुई. उन्होंने कोडरमा से 10वीं, जवाहर नवोदय विद्यालय कोडरमा से 12वीं और फिर हजारीबाग से बीटेक किया. उनकी मां रेखा मिश्रा और पिता शंकर मिश्रा हैं. अलंकृता दो बहनें और एक भाई है. अलंकृता साक्षी के ससुर राजीव नयन चौधरी भागलपुर जिले के शौल थाना क्षेत्र के पोठिया गांव के रहने वाले हैं, जो फिलहाल नवगछिया अनुमंडल कार्यालय में प्रधान लिपिक के पद पर कार्यरत हैं. उनके बेटे मनीष कुमार भी बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते हैं.
परिवार में खुशी की लहर
दोनों परिवारों को इस बात की अपार खुशी है कि गूगल जैसी विश्व प्रसिद्ध कंपनी से 60 लाख रुपये के पैकेज पर चयन कर काम करने का अवसर दिया है. यह अत्यंत गर्व और हर्ष की बात है. और उनके घर से गूगल कंपनी में काम कर रही है. अलंकृता साक्षी उन सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा स्रोत है, जो आत्मनिर्भर बनकर परिवार से लेकर देश तक का नाम रोशन करना चाहती है.