BIG BREAKING : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने भारत में वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बता दें कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ बीजेपी द्वारा लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में किए गए प्रमुख वादों में से एक है।
32 राजनीतिक दलों का समर्थन
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के मुद्दे पर 62 पार्टियों से संपर्क किया था और इस पर जवाब देने वाले 47 राजनीतिक दलों में से 32 ने एक साथ चुनाव कराने के विचार का समर्थन किया, जबकि 15 दलों ने इसका विरोध किया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 15 पार्टियों ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।
पहले फेज में लोकसभा और विधानसभा चुनाव
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विस्तार से बताते हुए कहा कि -पहले फेज में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव होंगे और इसके 100 दिन बाद स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कमेटी के सुझावों पर देश भर में चर्चा होगी। सभी से आह्वान है कि इस पर अपनी जरूर दें। इस व्यवस्था से लोकतंत्र को मजबूती मिलेगी, खर्च बचेंगे।
क्या होंगे एक साथ चुनाव के फायदे
- चुनाव पर होने वाले करोड़ों के खर्च से बचत।
- बार बार चुनाव कराने से निजात।
- फोकस चुनाव पर नहीं बल्कि विकास पर होगा।
- बार-बार आचार संहिता का असर पड़ता है।
- काले धन पर लगाम भी लगेगी।