रायगढ़। CG NEWS : एक समय आकर्षण का केंद्र रहे रायगढ़ आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम कॉलेज से छात्रों का मोह भंग होता दिखाई दे रहा है। कॉलेज में दाखिला प्रतिशत तेजी से गिरकर मात्र 18 प्रतिशत रह गया है। इस गिरावट के पीछे कई प्रमुख कारण उभरकर सामने आए हैं, जिनमें मुख्य रूप से कॉलेज की भौगोलिक स्थिति, बुनियादी सुविधाओं की कमी और शिक्षकों की अनुपलब्धता शामिल हैं।
कॉलेज की प्रभारी प्राचार्य डॉ प्रिती बाला बैस ने बताया कि शहर के मुख्य मार्ग से दूर स्थित है। कॉलेज के दूरस्थ स्थान के कारण आवागमन में होने वाली दिक्कतें छात्रों की नियमित उपस्थिति पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रही हैं। अभिभावकों का मानना है कि एक बेहतर शिक्षण संस्थान के लिए केवल उच्च स्तरीय शिक्षा ही नहीं, बल्कि सुलभ स्थान और अच्छी परिवहन सुविधाएँ भी जरूरी हैं, जो इस कॉलेज में फिलहाल नहीं मिल पा रही हैं। इसके अलावा, कॉलेज में बुनियादी सुविधाओं का अभाव भी एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। छात्रों को उचित पुस्तकालय, खेलकूद सुविधाएँ और आधुनिक तकनीकी साधन उपलब्ध नहीं हैं, जो उन्हें अन्य संस्थानों की तुलना में पीछे धकेलते हैं। सबसे बड़ी चिंता शिक्षकों की कमी की है। कई अभिभावक इस बात से निराश हैं कि विषय विशेषज्ञों की अनुपस्थिति के कारण छात्रों की शिक्षा में गिरावट आ रही है। इस बार अंग्रेजी मीडियम कॉलेज में बीए फस्र्ट ईयर के 90 सीट पर 6, बीकॉम की 60 सीटों में 31 और बीएससी की 120 सीटों में 12 ने ही प्रवेश लिए हैं। इस तरह सिर्फ 49 ही स्टूडेंट हैं। बताया जा रहा है कि छात्र-छात्राओं ने फॉर्म तो भरे थे लेकिन उनको दूसरे कॉलेजों में दाखिला मिल गया। इसलिए यहां एडमिशन नहीं लिया। द्वितीय वर्ष में भी 51 ही स्टूडेंट बचे हुए हैं जो करीब 19 प्रतिशत है । दोनों वर्ष मिलाकर 100 छात्र-छात्राएं ही कालेज में अध्ययनरत हैं। कॉलेज प्रशासन ने छात्रों और अभिभावकों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए सुधार की दिशा में कदम उठाने का आश्वासन दिया है। उम्मीद है कि जल्द ही इन समस्याओं का समाधान निकाला जाएगा, ताकि आत्मानंद कॉलेज फिर से छात्रों के बीच अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा प्राप्त कर सके।