बता दें माध्यमिक शाला में कुल 43 बच्चे अध्यनरत हैं जो आज पास के क्षेत्र से पढ़ाई करने पहुंचते हैं। शिक्षक के कमी होने के चलते बच्चे स्कूल पहुंचते हैं और शिक्षक न होने के कारण से वापस आ घर चले जा रहे हैं। बता दें पलको का कहना है कि शिक्षा अधिकारियों के द्वारा तीन महीने से सिर्फ दिलासा ही दिया जा रहा है लेकिन अभी तक कोई भी कार्यवाही नही की जा रही है, जिस कारण बच्चों और पलको ने शाला का बहिष्कार कर दिया है। शाला खुलता जरूर है लेकिन शिक्षक नहीं होने के कारण से शाला सुना रह जाता है। पालकों में शिक्षक की कमी को लेकर खासा गुस्सा नजर आ रहा है। पालकों का कहना है अगर ऐसा ही स्थिति स्कूल का रहा तो उग्र शाला बहिस्कार किया जाएगा।
शासन प्रशासन ने एक नारा दिया है की पढ़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे लेकिन अगर बात शासकीय माध्यमिक शाला कोटरवाही की करे तो यहां पढ़ाने के लिए शिक्षक ही नही जिनके वजह से बच्चो के पढ़ाई में काफी प्रभावित हो रहे है अब तो छात्र छात्रा सहित पालको ने शाला का बहिष्कार कर दिया है। बीते तीन दिनों से शाला में कोई भी बच्चे पढ़ाई करने नही जा रहे है।
बताया जाता है एक शिक्षक था वह भी शराब पीकर स्कूल में पढ़ाने आया करता था और बच्चो के लिए खेलने के समान को भी बच्चो को देते नही थे बल्कि अपने घर ले जाया करता था यानी पढ़ाने नही आते वह शराब पीकर नशा उतारने शाला में आया करता था जिनसे बच्चे अत्यंत ही परेशान हो चुके है पालकों ने शिक्षक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बजट का करीब 70 हजार रुपए को गबन कर दिया है। कई बार शिकायत के बाद भी शिक्षक का व्यवस्था प्रशासन ने नही कर पाया है अब तो बच्चे शाला जाना भी बंद कर दिया है, यानी माध्यमिक शाला अब सफेद हाथी होने का रोल निभाने जा रहे है, जिन्हें देखते हुए बीइओ ने मौखिक रूप से एक शिक्षक को तैनात किया है लेकिन अब बच्चे पढ़ाई करने नही जा रहे है, जब तक परमानेंट शिक्षक उन्हें मिल जाता तब तक शाला नही जाने की बात कही है।
बहरहाल बच्चे और पालको ने शाला का बहिष्कार किए तीन दिन हो चुके है। बावजूद इसके नही मानते तो इससे भी ज्यादा उग्र आंदोलन करते हुए शाला का बहिष्कार किया जाएगा। इधर जिला अपर कलेक्टर का कहना है की जब तक शिक्षको का शासन स्तर से भर्ती नही हो पाता तब तक कुछ नही किया जा सकता है।