सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश के किसी भी हिस्से को पाकिस्तान नहीं कहा जा सकता है. चंद्रचूड़ ने यह टिप्पणी कर्नाटक हाई कोर्ट के एक जज के मामले में सुनवाई के दौरान की
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दरअसल, हाल ही में कर्नाटक हाई कोर्ट के एक जज श्रीशानंद का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे एक समुदाय से जुड़े स्थान को पाकिस्तान कह रहे थे.चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि जिम्मेदार पद पर बैठे लोगों को बोलने से पहले यह सोचना चाहिए कि उनकी टिप्पणी किसी समुदाय की गरिमा को ठेस न पहुंचाए. उन्होंने कहा कि जजों को तो और भी इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए.
सुनवाई के दौरान क्या क्या हुआ?
मामले की सुनवाई हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की रिपोर्ट के आधार पर हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि जज ने बिना शर्त माफी मांग ली. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी से पूछा कि क्या आप कोई दलील देना चाहेंगे?इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि मैंने क्लिपिंग देखी है. मैं सोच रहा था कि क्या आंतरिक कार्यवाही होगी. बेंगलुरु में मैंने वकीलों से न केवल न्यायाधीश के संबंध में बल्कि अन्य चीजों के बारे में बात की थी.वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जज ने माफी मांग ली है. पब्लिक डोमेन में हम कभी-कभी कुछ कह देते हैं, लेकिन अब इस बात को ज्यादा खिंचना नहीं चाहिए.
लाइवस्ट्रीमिंग की अदालत के पीछे दर्शकों की महत्वपूर्ण पहुंच
चीफ जस्टिस ने इस पर कहा कि वकीलों, न्यायाधीशों, अदालत के सदस्यों को यह समझना चाहिए कि लाइवस्ट्रीमिंग की अदालत के पीछे दर्शकों की महत्वपूर्ण पहुंच है. यह व्यापक प्रभाव वाले आकस्मिक आचरण के लिए अदालत में उपस्थित होने वाले वकीलों, न्यायाधीशों, वादियों पर जिम्मेदारी डालता है.उन्होंने आगे कहा कि न्यायाधीश के रूप में, हमारे जीवन के अनुभवों पर आधारित स्वभाव होते हैं. साथ ही एक न्यायाधीश को अपने पूर्व-स्वभाव के बारे में जागरूक होना पड़ता है. ऐसी जागरूकता के आधार पर ही हम कर्तव्य के प्रति वफादार हो सकते हैं.