REVA VIDEO : रीवा शहर के समान थाने के प्रधान आरक्षक के गुंडागर्दी का वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ तेजी से वायरल पीड़ित को थाने बुलाकर उसे लात घुसो से पीटा और दी मां बहन की अश्लील गालियां वीडियो हुआ सोशल मीडिया पर वायरल मामला sp के संज्ञान में आते ही प्रधान आरक्षक को किया निलंबित क्या अपराध करने वाले पुलिस कर्मी पर नहीं होगी FIR क्या सिर्फ कानून नियम बने हैं पत्रकार व आम जनता के लिए,,,, पीड़ित प्रियांश कुशवाहा निवासी कुठुलिया जिला रीवा ने एसपी कार्यालय में आकर शिकायत करते हुए बताया कि थाना समान से हमको 20 तारीख को फोन आया था की 8 बजे थाना आ जाओ आपकी खात्मा रिपोर्ट लग गई है उसमें सिंगनेचर बनाना है ।
मुंसी ने लिया कानून को हाथ मे कर दी धुनाई
मगर जब पीड़ित थाना पहुंचा तो समान थाने के प्रधान आरक्षक हेमंत शुक्ला आए और मा बहन की अश्लील गालियां देते हुए मारना शुरू कर दिया शायद सामान थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक हेमंत शुक्ला को यह नहीं पता था कि उनकी करतूत पीड़ित के जेब में डाले हुए मोबाइल में कैद हो रही है कहीं ना कहीं पुलिस कर्मियों की गुंडागर्दी अपराधियो को छोड़ आम नागरिकों पर इस कदर हावी है कि पीड़ित अब थाने जाने से भी डरते हैं अब थाने वही जाते है जिनके कहने पर पुलिस निर्दोषो के खिलाफ़ फर्जी मुकदमे दर्ज करती है ।
युवक की सूझबूझ से पुलिस की खुली पोल
अगर थाने में फरियादी पहले से ही पुलिस कर्मियों की करतूत का वीडियो ना बनाएं तो इनकी करतूट थाने के अंदर ही दब जाती है बाहर नहीं आ पाती है ना जाने थाने में रोजाना ऐसे कितने फरियादियों के साथ समान थाने के पुलिसकर्मी मारपीट करते होंगे हालांकि पीड़ित की चतुराई के चलते सामान थाने के प्रधान आरक्षक हेमंत शुक्ला की गुड्डा गर्दी उजागर हुई है जहां पुलिस अधीक्षक ने तत्काल ही ऐसे लापरवाह पुलिस कर्मी को निलंबित कर दिए हैं ।
मारपीट के दौरान गायब थे पुलिस अधिकारी
अब सबसे बड़ी बात तो है कि जब पीड़ित के साथ पुलिसकर्मी मारपीट कर रहे थे तो थाने के आला अधिकारी कहां थे अगर वह थाने में थे तो इस तरह की घटना को होते हुए उन्होंने रोका क्यों नहीं क्या उस लापरवाह पुलिसकर्मी के विरुद्ध सामान थाने में ही पीड़ित से मारपीट करने की एफआईआर दर्ज की जाएगी या फिर पुलिस कर्मी होने का बहाना देकर उस मामले को दबा दिया जाएगा अगर यही गलती कोई आम व्यक्ति या कोई फरियादी या कोई पत्रकार करता तो उसके खिलाफ तत्काल ही पुलिस बिना जांच के नेताओ की चमचागिरी के चक्कर में फर्जी मुकदमा दर्ज कर उसे सलाखों के पीछे धकेल देती मगर यह तो रीवा है साहब रीवा में उल्टा काम ही चलता है ।
नेताओ के इशारे पर दर्ज हो रहे फर्जी मुकदमे
अगर रीवा में किसी ने भी नेताओ का या फिर भ्र्ष्टाचारियो का विरोध किया या कोई मीडिया कर्मी उनके किये गए कारनामो की खबर को प्रकाशित करता है तो फिर उसकी तो खैर नही क्यो की यह रीवा है रीवा में नेताओं के चरण वंदन करने के बाद ही मनचाही कुर्सी मिलती है और फिर अगर अधिकारी इन नेताओं के इशारे पर काम नहीं करेंगे तो इन्हें उस कुर्सी से एक झटके में ही दूध में पड़ी मक्खी की तरह उठाकर फेंक दिया जाएगा ।
2022 में पत्रकारों के खिलाफ़ सिविल लाइन पुलिस ने तत्कालीन sp के कहने पर दर्ज किया था फर्जी मुकदमा
रीवा को कौन नहीं जानता है कि रीवा में किस तरह रीवा पुलिस फर्जी मुकदमे निर्दोषों के ऊपर दर्ज करती है सिर्फ नेताओं के कहने पर चाहे वह 376 का मामला हो या फिर 354 का मामला अगर पुलिस कर्मी या नेताओ की करतूत को मीडिया उजागर करती है तो उसी को टारगेट कर दिया जाता है और उसके खिलाफ षडयंत्र पूर्वक फर्जी मुकदमा दर्ज कर पुलिस अपनी पीठ नेताओ की नजर में थपथपा लेती है बिल्कुल आप एक दम सही पढ़ रहे हैं रीवा शहर के सिविल लाइन थाने में 2022 में सिविल लाइन पुलिस ने तत्कालीन sp नवनीत भसीन के दबाब में रीवा के पत्रकारों के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज किया था पुलिस के इस तरह के कृत्य को कहीं ना कहीं पुलिस की नाकामी ही कही जाएगी क्योंकि जमीनी हकीकत पर अपराध को तो पुलिस रोक नहीं पा रही है अपराधी अपराध को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं मगर पुलिस उन पर कार्रवाई नहीं कर पाती है और निर्दोषों के खिलाफ फर्जी मुकदमें दर्ज कर उन्हें सलाखो के पीछे धकेल देती है।
Sp ने गिराई दोषी मुंसी पर गाज किया निलंबित
हालांकि पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने मारपीट करने वाले लापरवाह प्रधान आरक्षक हेमंत शुक्ला को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए हैं और इस पूरे मामले की जांच की जा रही है पीड़ित द्वारा जानकारी दी गई थी दिसंबर 2023 में हमारी बाइक चोरी हो गई थी जिसमें हमारी नई बाइक थी हमारा बीमा भी है और उसका हमें
किस्त भी अभी हम जमा कर रहे हैं कोई हमें राहत नहीं मिल रही है ब्याज भी हमारा लग रहा है तो हम उसमें समान टीआई साहब से तीन बार मिल चुके कि हमारा खात्मा रिपोर्ट लगवा दिया जाए ताकि हमारी किस्त जाना बंद हो जाए ।बीमा का हमें लाभ मिल जाए।
TI से कर भी चुका था निवेदन
टीआई साहब ने हर बार हमें कहा कि करवा देंगे करवा देंगे जून से यह प्रक्रिया चल रही है जून से लेकर के अभी सितम्बर बीतने बाला है। तीन बार दिलासा दिया जा चुका है कि तुम्हारा खात्मा रिपोर्ट लग जाएगा लेकिन जैसे इन्होंने हमें डेट दिया था कि 19- 20 तारीख तक तुम्हारा हो जाएगा हमने इनको फोन लगाया फोन यह हमारा नहीं उठाते हैं और फोन एक बार उठाया और काफी बुरी बुरी गालियां दी हमको फोन में तो जिसके उपरांत हमने भी
क्रोधित होकर के इनको बोला जी जी भैया जी भैया हम आ जाएंगे थाना थाना बुला रहे थे कि आ जाओ तो
थाना झूठ बोल कर के बुलाया गया कि तुम्हारी खात्मा रिपोर्ट लग गई है और हमें वहां मारा गया और 12 बजे रात तक हमें बैठाया गया ।