सैयद फ़ारूख अली, सुकमा। CG BREAKING : जिला सुकमा में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ एवं सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना से प्रभावित होकर व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर नक्सली संगठन में सक्रिय कुल 3 नक्सलियों पुलिस अधीक्षक के सामने बिना हथियार के आत्मसमर्पण किये है।
आत्मसमर्पित नक्सलियों का विवरण निम्नानुसार हैः-(01). नक्सली सदस्य मुचाकी संतोष कन्हाईगुड़ा आरपीसी. डीएकेएमएस उपाध्यक्ष के द्वारा विरेन्द्र कुमार, द्वितीय कमान अधिकारी 217 वाहिनी सीआरपीएफ एवं निरीक्षक अभिलाष टण्डन, प्रभारी डीआरजी जिला सुकमा के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया। उक्त नक्सली को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में 217 वाहिनी सीआरपीएफ आसूचना शाखा के कार्मिकों क का विशेष योगदान रहा।
(02). नक्सली सदस्य रवा नंदा सुरपनगुड़ा आरपीसी डीएकेएमएस सदस्य के द्वारा निरीक्षक अविलाष टण्डन, प्रभारी डीआरजी जिला सुकमा एवं निरीक्षक मुकेश यादव, प्रभारी सायबर सेल सुकमा के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया। उक्त नक्सली को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में 201 कोबरा वाहिनी आसूचना शाखा के कर्मिकों का विशेष योगदान रहा।
(03) नक्सली सदस्य दिरदो भीमा उर्फ महेश पालाचलमा आरपीसी मिलिशिया सदस्य के द्वारा निरीक्षक अविलाष टण्डन, प्रभारी डीआरजी जिला सुकमा एवं निरीक्षक अनिल कुमार, 208 कोबरा वाहिनी के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया। उक्त नक्सली को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में 208 कोबरा वाहिनी आसूचना शाखा के कर्मिकों का विशेष योगदान रहा। उपरोक्त सदस्यों प्रतिबंधित नक्सल संगठन में जुड़कर विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी कर हमला करना, पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले मार्गों पर स्पाईक/बम लगाना, मुख्य मार्गों को खोदकर मार्ग अवरूद्ध करना, शासन-प्रशासन के विरूद्ध बेनर, नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाने एवं अन्य घटनाओं में शामिल रहे है। उक्त सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ के तहत् सहायता राशि व अन्य सुविधायें प्रदाय कराये जायेंगे।