रायपुर। CG NEWS : आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में माओवादी हिंसा से पीड़ित बस्तर के लगभग 55 नागरिकों को आमंत्रित किया गया, जो हाल ही में अपनी व्यथा और समस्याओं को व्यक्त करने दिल्ली गए थे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मौसम खराब होने के कारण उड़ान बाधित होने से कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अनुपस्थिति में उनकी धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय ने माओवादी हिंसा पीड़ित बस्तरवासियों का स्वागत किया।
कौशल्या देवी साय ने नक्सल पीड़ितों को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का संदेश देते हुए कहा कि आप सभी बस्तर के नागरिकों का साहस प्रशंसनीय है। आपके साहस, कठिन परिश्रम और प्रयासों के कारण ही बस्तर में शांति लौटी है। आपने माओवादी आतंक को अपनी आंखों से देखा, जिया और झेला है। आपने बड़े साहस के साथ इस त्रासदी का सामना किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय दौरे पर हैं आपके बीच नहीं आ पाए। आपका मुख्यमंत्री निवास में स्वागत और अभिनंदन है। उन्होंने सभी अतिथियों को उपहार स्वरूप एक बैग, ट्रैक सूट भेंट किया। इस दौरान उन्होंने यह भी पूछा कि दिल्ली यात्रा के अनुभव कैसे रहे, जिस पर सभी ने एक स्वर में कहा कि यह यात्रा बहुत अच्छी रही, और कई ग्रामीणों ने पहली बार हवाई जहाज में यात्रा का अनुभव भी साझा किया।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में राज्य सरकार के प्रयास से बस्तर में विकास कार्यों को गति मिली है। उन्होंने कहा कि आपने दिल्ली जाकर बस्तर की व्यथा को केंद्र सरकार और पूरे देश के सामने रखा, जो आज तक किसी ने नहीं किया था। माओवादी हिंसा का दर्द अब पूरे देश ने जाना है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दृढ़ संकल्प का उल्लेख करते हुए कहा कि बस्तर से नक्सलवाद का समूल नाश करना है। शर्मा ने यह भी कहा, आपने नक्सलियों की गोलियों और आईईडी के खतरे के बीच अपने साहस का परिचय दिया। बंदूक और हिंसा से विकास संभव नहीं है। अब समय आ गया है कि बस्तर शांति और विकास की दिशा में आगे बढ़े।
गौरतलब है कि माओवादी हिंसा से पीड़ित ये नागरिक हाल ही में दिल्ली के जंतर मंतर और जेएनयू में आंदोलन करने के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर नक्सलियों के कृत्यों से हुई परेशानियों को साझा कर चुके हैं। इनकी दिल्ली यात्रा का मुख्य उद्देश्य नक्सल समर्थक समूहों द्वारा फैलाए झूठ का खुलासा करना, हिंसा से प्रभावित लोगों की आवाज को दिल्ली तक पहुंचाना था। इस अवसर पर विधायक ईश्वर साहू और बस्तर शांति समिति के सदस्यगण उपस्थित थे।