पीएम मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तीन परम रुद्र तीन परम रुद्र सुपर कंप्यूटर और सुपर कंप्यूटिंग सिस्टम का उद्घाटन किया। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में इसे भारत के लिए बड़ी उपलब्धि का दिन बताया।
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पीएम मोदी ने इस मौके पर अपने संबोधन में कहा कि परम रुद्र सुपर कंप्यूटर और एचपीसी प्रणालियों के साथ भारत ने कंप्यूटिंग में आत्मनिर्भरता और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि आज विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दुनिया में भारत के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि का दिन है।
बता दें कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा संयुक्त रूप से प्रबंधित, इस मिशन को पुणे में उन्नत कंप्यूटिंग के विकास के लिए केंद्र (C-DAC) और बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
सुपर कंप्यूटर में क्या है खास
ये उन्नत प्रणालियां मौसम और जलवायु, कम्प्यूटेशनल द्रव गतिकी, जैव सूचना विज्ञान और सामग्री विज्ञान सहित कई क्षेत्रों का समर्थन करने वाले अनुप्रयोगों से लैस हैं। सुपर कंप्यूटर में मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्षमताएं भी हैं, साथ ही अतिरिक्त क्लाउड-आधारित कंप्यूट और स्टोरेज सेवाएँ भी हैं।इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, “इस साल के बजट में, 1 लाख करोड़ रुपये के शोध कोष की घोषणा की गई है ताकि भारत 21वीं सदी की दुनिया को सशक्त बना सके।
भारत की अंतरिक्ष में उपलब्धि
उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर कहा कि भविष्य के लक्ष्य के रूप में 2035 तक ‘भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन’ की स्थापना का लक्ष्य है। 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग और भारत की पहली सौर परियोजना आदित्य-एल1 मिशन का शुभारंभ, वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में देश की भूमिका को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण मील के पत्थर के रूप में चिह्नित किए गए थे। इन विकास ने निजी अंतरिक्ष क्षेत्र में विकास को भी गति दी है।भारत अब गगनयान मिशन के लिए कमर कस रहा है, जिसका उद्देश्य मानव अंतरिक्ष यान का संचालन करने की देश की क्षमता का प्रदर्शन करना है।