मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षकों द्वारा नियमितीकरण की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। लंबे समय से अपनी सेवाओं को स्थायी करने की कोशिश कर रहे ये शिक्षक अब निराश नजर आ रहे हैं।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) को निर्देशित किया था कि वह इस मामले का उचित निराकरण करे। लेकिन DPI की तरफ से जो नया निर्णय आया है, उसने इन शिक्षकों की उम्मीदों को तोड़ दिया है।
मध्यप्रदेश में नियमितीकरण की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे अतिथि शिक्षकों को निराशा हाथ लगी है। अतिथि शिक्षकों की याचिका पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) को निराकरण करने का आदेश दिया था। जिस पर DPI ने उनके नियमितीकरण को लेकर स्थिति साफ कर दी है।
अतिथि शिक्षकों को सीधे नियमित नहीं किया जाएगा, बल्कि सीधी भर्ती में 25 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। यानी बिना भर्ती परीक्षा में शामिल हुए अतिथि शिक्षक नियमित नहीं हो पाएंगे।
DPI ने कहा कि मध्यप्रदेश राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) भर्ती नियम 2018 और संशोधित नियम 1 दिसंबर, 2022 के अनुसार सीधी भर्ती से खाली पदों भरने के लिए पात्रता परीक्षा के बाद शिक्षक चयन परीक्षा के माध्यम से शिक्षक भर्ती का प्रावधान है। इस पूरी भर्ती प्रक्रिया में 25 फीसदी पद अतिथि शिक्षकों के लिए आरक्षित रहेंगे।
जिन अभ्यर्थियों ने न्यूनतम तीन शैक्षणिक सत्रों और 200 दिन प्रदेश के सरकारी विद्यालय में अतिथि शिक्षक के तौर पर काम किया है, उन अतिथि शिक्षकों के लिए आरक्षित पदों की पूर्ति नहीं हो पाने की स्थिति में रिक्त पदों को अन्य पात्रता धारी अभ्यर्थियों से भरा जाएगा।
कई याचिकाएं लगीं, नियमितीकरण के रास्ते भी बताए
मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 70 हजार से अधिक पदों पर अतिथि शिक्षक काम कर रहे हैं। करीब 10-12 सालों से बतौर अतिथि शिक्षक सेवाएं दे रहे गेस्ट टीचर्स लगातार नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश के नीमच के रहने वाले फिरोज मंसूरी सहित कई अन्य अतिथि शिक्षकों ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थी और हवाला दिया था कि अतिथि शिक्षक शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके हैं और बीएड और डीएड भी हैं। इसके साथ ही 3 साल से लेकर 15 साल तक पढ़ने का अनुभव भी है।
गेस्ट टीचर्स ने दूसरे राज्यों में अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण के उदाहरण देते हुए मध्य प्रदेश में भी इसी आधार पर नियमित करने की मांग की थी। गेस्ट टीचर्स की याचिका पर हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
अब अतिथि शिक्षक जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
अब अतिथि शिक्षक संघ के प्रांतीय प्रवक्ता रविकांत गुप्ता का कहना है कि अतिथि शिक्षकों ने अपनी आधी जिंदगी गवां दी। हमें नियमित करने के लिए सरकार में बैठे लोगों ने वादे किए थे। लेकिन, अब सरकार ही वादे से मुकर रही है। हम लोग अब सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाएंगे। हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा।