पैसे की तंगी के कारण एक गरीब छात्र का आईआईटी में एडमिशन नहीं हो पाया था. इस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आईआईटी धनबाद (IIT Dhanbad) को उत्तर प्रदेश के रहने वाले गरीब छात्र को दाखिला देने का आदेश दिया है.
दरअसल, गरीब छात्र उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के खतौली का रहने वाला है. उसके पिता ने दिहाड़ी मजदूर करके उसे पढ़ाया, जिससे छात्र ने जेईई एडवांस्ड की परीक्षा पास कर ली. इसके बाद छात्र को आईआईटी धनबाद मिला और प्रवेश पाने के लिए 4 दिन के अंदर 17 हजार 500 रुपये की फीस जमा करनी थी. मजदूरी करने वाले पिता ने पैसे जुटाने के लिए हर संभव प्रयास किया, लेकिन रुपये का इंतजाम नहीं हो पाया और फीस जमा करने की लास्ट डेट खत्म हो गई.
3 महीने चक्कर काट SC पहुंचा छात्र
मात्र 17,500 रुपये की फीस न भर पाने की वजह से छात्र का आईआईटी में एडमिशन नहीं हो पाया. इसके बाद वह कोर्ट गए. करीब 3 महीने तक एससी-एसटी आयोग, झारखंड और मद्रास हाईकोर्ट के चक्कर काटने के बाद जब कुछ हासिल नहीं हुआ तो छात्र और मजदूर पिता ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.