जगदलपुर। किशोर न्याय ( बालकों की देखरेख और संरक्षण ) अधिनियम 2015 के धारा 110 का प्रयोग करते हुए भारत सरकार द्वारा किशोर न्याय ( बालकों की देखरेख और संरक्षण ) संसोधित नियम 2022 के नियम -41 (1) के प्रावधानों के तहत राज्य सरकार राज्य स्तरीय निरीक्षण समिति और जिला मजिस्ट्रेट जिला स्तरीय निरीक्षण समिति का गठन किया गया है।
बस्तर जिले में जिला स्तरीय गठित निरीक्षण समिति द्वारा बस्तर जिले के पंजीकृत बाल देखरेख संस्थाओं जिसमें शा. बाल गृह (बालक), शा. सम्प्रेक्षण गृह (बालक), शा.सम्प्रेक्षण गृह (बालिका), शा. प्लेस आफ सेफ्टी (बालक), शा. विशेष गृह (बालक), शा. विशेष गृह (बालिका), बाल गृह (बालिका) सृजन सामाजिक संस्था, खुला आश्रय गृह (बालक) बस्तर सामाजिक जन विकास समिति, एवं सेवा भारती (मातृ छाया) विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी जगदलपुर का त्रैमासिक निरीक्षण किया गया। समिति के सदस्य नरेन्द्र पाणिग्राही ने बताया कि सभी संस्थाएं किशोर न्याय अधिनियम के नियमानुसार संचालित की जाती है जिसमें विभिन्न प्रकार की पंजियों का संधारण किया जाता है, समिति के सदस्यों के द्वारा समस्त पंजियों का सूक्ष्मता से अवलोकन किया गया एवं संस्था में वर्तमान निवासरत बालक, बालिकाओं एवं कर्मचारियों से भी व्यक्तिगत चर्चा की गई एवं विगत तीन माह पूर्व निरीक्षण के दौरान संस्था के पूर्व की कमियों को भी पूर्ण कर लिया गया है। निरीक्षण के दौरान समिति ने संस्थाओं का कार्य संतोषप्रद पाया। संस्था के अधीक्षकों को निर्देशित किया गया कि वर्तमान में संस्था का कार्य संतोषप्रद है आगामी समय में समिति के निरीक्षण के दौरान भी यही स्थित संस्थाओं में कायम रहे। निरीक्षण के दौरान जिला स्तरीय निरीक्षण समिति के सचिव विजय शंकर शर्मा, निरीक्षण समिति के सदस्य प्रतिमा पाल, डॉ. सी. मरियम मनोचिकित्सक, मनोजकांत जोशी उपस्थित थे।