झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज से एक घटना सामने आई है. जिसने विकास की और सिस्टम की पोल खोल कर रख दी है. एक गरीब पिता को अपने मासूम बच्ची को स्ट्रेचर नहीं मिलने पर ऑक्सीजन सिलेंडर को कंधे पर उठाकर हॉस्पिटल में इलाज के लिए भटकना पड़ा. घटना को देखने के बाद ऐसा लगता है मंच से मंत्रियो के विकास के बड़े-बड़े दावे सिर्फ खोखले है
जानकारी के मुताबिक़ एक ही सिलेंडर दो बच्चियों को लगाया गया है, एक शख्स जिसका नाम मोहम्मद याकूब है, उन्होंने उस सिलेंडर को कंधे पर उठाया है और बच्चों की माताओं ने अपने बच्चों को गोद में उठाया है. स्ट्रेचर नहीं मिलने के कारण इन्हें पैदल ही सिलेंडर और बच्चों को लेकर हॉस्पिटल में इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। बताया जा रहा है की दोनों बच्चियों को इमरजेंसी वार्ड से एक्स-रे के लिए भेजा गया था. लेकिन स्ट्रेचर इन्हें नहीं दिया गया और नाही कोई कर्मचारी उनके साथ आया. वे कंधे पर सिलिंडर कंधे पर लेकर करीब एक घंटे तक जांच के लिए भटकते रहे और मासूम बच्चियां तड़पती रही.
कंधे पर सिलिंडर लेकर चलनेवाले मोहम्मद याकूब ने बताया की ,’ वे बरेली के रहनेवाले है और परिवार के साथ यहां करतब दिखाते है. उनकी 3 महीने की बेटी को कुछ दिनों से खासी आ रही थी, उसकी तबियत बिगड़ने पर उसे हम मेडीकल कॉलेज लाए थे. इसके बाद बच्ची को एडमिट किया गया. इसी वार्ड में पास के बेड पर एक दूसरी 3 महीने की बच्ची भी भर्ती थी.
दोनों बच्चियों को ऑक्सीजन लगा था. डॉक्टर ने दोनों बच्चियों को एक्स-रे कराकर लाने के लिए कहा, इसके बाद स्टाफ ने कहा की ,’ पैदल जाओ और एक्स-कराकर लाओ, कोई भी कर्मचारी साथ नहीं आया. एक ही ऑक्सीजन सिलिंडर से दोनों को ऑक्सीजन लगा दिया गया. जब स्ट्रेचर नहीं मिली तो उन्होंने सिलेंडर को उठा लिया, बच्ची को पत्नी ने गोद में उठा लिया और दूसरी बच्ची को उसकी मां ने गोद में उठा लिया. एक घंटे तक एक्स-रे के लिए भटकते रहे. लेकिन किसी ने भी मदद नहीं की.