अतुल शर्मा/दुर्ग। CG NEWS : पूरे देश में दुर्गा पूजा धूमधाम से मनाया जा रहा है इसको लेकर दुर्ग ज़िले में भी दुर्गा पूजा विशेष रूप से मनाया जा रहा है। दुर्ग जिले में लगभग 50 से ज्यादा बड़े-बड़े पंडाल बनाए गए हैं इसमें हर रोज सैकड़ो की संख्या में लोग दर्शन करने पहुंच रहे हैं, वहीं पावर हाउस स्थित लाल मैदान में इंद्रलोक थीम पर पंडाल बनाया गया है। साथ ही लोगों को सेवा देने के लिए, बीएम शाह अस्पताल के द्वारा निशुल्क शिविर लगाया गया है।
भिलाई के पावर ऑफिस स्थित लाल मैदान में इंदरलोक थीम पर दुर्गा पंडाल का निर्माण किया गया है हर साल की तरह इस साल भी आकर्षक बनाया गया है इस पंडाल को देखने के लिए जिले से बाहर के लोग भी पहुंच रहे हैं वही भिलाई के प्रमुख अस्पताल में से एक बीएम शाह अस्पताल के द्वारा निशुल्क लगाया गया है हर रोज सैकड़ो की संख्या में इलाज कराने पहुंच रहे हैं।
बीएम शाह अस्पताल के अधिकारी ने कहा कि बमसा अस्पताल के द्वारा चार से चार तारीख से 11 अक्टूबर तक निशुल्क सेवा दिया जा रहा है जितने भी भक्ति दुर्गा पंडाल देखने आ रहे हैं उन्हें किसी तरह का भी समस्या होगी तुरंत शिविर में जाकर चेकअप कराया जाए और इस सिविल में किडनी बाल्य रोग और स्त्री रोग सहित आने को बीमारी का निशुल्क इलाज कराया जा रहा है मैं जनता से अपील करता हूं कि इस स्वास्थ्य शिविर का हर कोई लाभ उठाएं।
भिलाई के पवार हाउस स्थित नेताजी सुभाष सब्जी मार्केट लाल मैदान में यह पंडाल बनाया गया है. यहां सार्वजनिक दुर्गोत्सव के दौरान इंद्रलोक के परियों की आलौकिक झांकी देखने को मिल रही है. बंगाल के 40 कलाकारों ने पिछले 45 दिनों में इस खास पंडाल को तैयार किया है. इस पंडाल में इन्द्रलोक की 11 अप्सराएं भी हैं. इसके साथ ही पंडाल में बेटी बचाओ थीम को भी दर्शाया गया है.जागृति दुर्गोंत्सव समति के महामंत्री विजय सिंह ने बताया कि इस पंडाल का थीम इंद्रलोक की अपसराएं हैं. इसको बनाने में लगभग दो महीने का समय लगा है. कोलकाता के 50 कारीगरों ने दो महीने में इस पंडाल को तैयार किया है. इस पंडाल के जरिए हम लोगों को मैसेज देना चाहते हैं कि हमारे समाज में मातृ शक्ति का सम्मान होना चाहिए. बेटी सृष्टि की जननी होती है और उसका सम्मान होना चाहिए. हमने इस भाव के साथ इस इंद्रलोक की परी का निर्माण किया है.उन्होंने ने कहा कि शास्त्रों के अनुसार देवराज इन्द्र के स्वर्ग में 11 अप्सराएं प्रमुख सेविका थीं। ये 11 अप्सराएं हैं- कृतस्थली, पुंजिकस्थला, मेनका, रम्भा, प्रम्लोचा, अनुम्लोचा, घृताची, वर्चा, उर्वशी, पूर्वचित्ति और तिलोत्तमा। इन सभी अप्सराओं की प्रधान अप्सरा रम्भा थीं और इन्हीं अप्सराओं-परियों की कृति से सुसज्जित इंद्रलोक की मनोरम झांकी इस वर्ष दर्शनार्थियों के आकर्षण का केंद्र बना है।साथ ही झांकी और पूजा पंडाल में पर्याप्त अग्निशमन यंत्र और चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है।
इस पंडाल को देखने पहुंची लोगों का कहा कि यह पंडाल हमें बहुत ही अच्छा लगा. मैंने देखा कि इसमें जो लाखों फूल लगा है, उसमें जो सफेद थीम में है, वह बहुत ही आकर्षक और सुंदर है। हमने यह दृश्य पहली बार देखा हैं, जो हमें बहुत ही सुंदर और अच्छा लग रहा है।