गरियाबंद – नगर में गुजराती समाज द्वारा आयोजित गरबा उत्सव में आखिरी दिन गुजरातियों में गजब का उत्साह देखने को मिला। नवरात्र के अंतिम दिन देर रात तक गरबा खेला गया। इस दौरान समाज के लोगों ने जमकर गरबा खेला। पारम्परिक परिधान, गुजराती संगीत और डांडिया की ताल ने जमकर थिरके। समा बांधा। समाज के युवाओं और महिलाओं ने मिलकर आखिरी दिन जबरदस्त समा बांधा। समाज के युवा, बड़े बुजुर्ग और महिलाएं सभी एक साथ गरबे में झूमते नजर आए।
जमकर चढ़ा गरबा का रंग
इस वर्ष नवरात्रि में गुजराती समाज मैं जमकर गरबा का रंग चढ़ा। नवरात्रि के नौ दिनों तक रोज नए-नए परिधानों और आकर्षक वेशभूषा में समाज के लोग गरबा खेलने पहुंचे हैं रोज नए-नए विधाओं में गरबा किया। इस दौरान बच्चों में खासा उत्साह देखने को मिला छोटे-छोटे बच्चे भी आकर्षक वेशभूषा में गरबा खेलते और मस्ती करते नज़र आए।
उल्लेखनीय हैं कि गरियाबंद में बीते 54 वर्षों से गुजराती समाज द्वारा गरबा उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। यहां गरबा में गुजरात की संस्कृति की झलकिया स्पष्ट नजर आती है। भक्ति में माहौल में रास गरबा और डंडियों की ताल से पूरा माहौल आकर्षक और मनोरंजन नजर आता है। प्रतिवर्ष यहां गरबा का उत्साह बढ़ते जा रहे हैं। नए-नए फिल्मी गीतों और गुजराती संगीत में प्रचलन के साथ ही अब गरबा की विधाओं में भी बदलाव नजर आने लगा है। इस वर्ष गरबे के दौरान समाज के लोग नए और अनूठे तरीके से गरबा खेलते नजर आए।