थोक महंगाई दर के आंकड़ों के बाद खुदरा महंगाई के आंकड़े भी जारी हो गए हैं। सितंबर में भारत की खुदरा महंगाई दर सालाना आधार पर 5.49 प्रतिशत तक बढ़ गई।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी सीपीआई बास्केट में आधी हिस्सेदारी रखने वाले खाद्य पदार्थों की महंगाई दर सितंबर में 9.24% पर पहुंच गई। अगस्त महीने में खाद्य पदार्थों की खुदरा महंगाई दर 5.66 थी। इससे पहले उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई दर जुलाई 2024 में 3.6 प्रतिशत और अगस्त 2024 में 3.65 प्रतिशत थी। जुलाई-अगस्त दोनों ही महीनों में खुदरा महंगाई दर रिजर्व बैंक के 4 प्रतिशत के लक्ष्य के भीतर थी। दूसरी ओर, अगस्त 2023 में सीपीआई आधारित खुदरा महंगाई दर 6.83 प्रतिशत थी।
वजह क्या?
इसकी वजह सब्जियों की मुद्रास्फीति रही, जो सितंबर में 48.73 फीसदी बढ़ी थी। अगस्त में यह 10.01 फीसदी घट गई थी। आलू की मुद्रास्फीति सितंबर में 78.13 और प्याज की 78.82 प्रतिशत पर उच्च स्तर पर बनी रही। ईंधन और बिजली श्रेणी में सितंबर में 4.05 फीसदी की अपस्फीति देखी गई, जबकि अगस्त में 0.67 प्रतिशत की अपस्फीति हुई थी।