गरियाबंद। CG NEWS : भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब मत्स्य विभाग द्वारा मछली पलको को सब्सिडी में बीज उपलब्ध कराने के अलावा प्रोत्साहित करने वाले विभिन्न योजनाओं में अनियमितता का मामला सामने आया है।आर टी आई के दस्तावेजों से गड़बड़ी के खुलासे के बाद ,एक्टिविस्ट ने इसकी शिकायत संभाग आयुक्त से किया है। ये है कोयबा गांव के आदिवासी किसान,जो अतरिक्त आय अर्जित के लिए मछली पालन का भी रास्ता अपनाया था। हैरानी की बात है कि इन किसानों को प्रोत्साहित करने वाले मत्स्य विभाग से ही ये ठगी का शिकार हो गए हैं। तालाब से जिस मछली को पकड़ कर किसान दिखा रहे है। इसकी बीज मत्स्य विभाग इन्हें 50 फीसदी सब्सिडी पर उपलब्ध कराने का दावा सरकारी रिकॉर्ड में किया था। उच्च क्वालिटी बता कर 6 माह में इसे एक किलो से भी ज्यादा वजनी होने का दावा किया था। लेकिन किसान विभाग के दोनों दावे की पोल खोल दिए है। किसानों ने कहा कि उनकी सब्सिडी राशि खाते में डालने विभाग ने उनसे खाते और आधार कार्ड मांगे थे पर ऐसा नहीं किया गया। देवभोग के आर टी आई कार्यकर्ता मोहम्मद लतीफ ने वित्तीय वर्ष 2023_24 में मत्स्य विभाग में लाभान्वित हितग्राही और व्यय की जानकारी मांगी थी। इस दस्तावेज में कोयबा के 20 मछली पलको समेत जिले भर में आदिवासी ब्लॉक के 180 पालको को बीज में 10लाख रुपए की सब्सिडी का जिक्र था। विभाग ने उसी वित्तीय वर्ष में 26 लाख के नेट जाल और 15 लाख रुपए के आइस बॉक्स खरीदी तो बताया पर किसे वितरण किया इसकी जानकारी नहीं दिया।आर टी आई एक्टिविस्ट ने कोयबा में छले गए किसानों से रूबरू होने के बाद मामले मत्स्य विभाग पर विभिन्न प्रोत्साहन योजना के क्रियान्वयन में अनियमितता का आरोप लगा कर जिले के बजाए रायपुर संभाग के आयुक्त से शिकायत किया है ताकि मामला दबा ना दिया जाए।हालाकि विभाग का दावा है कि वे किसानों को सब्सिडी में बीज उपलब्ध कराया है। कर्मी अफसर की कमी का हवाला दे रही विभाग ने यह बात मान लिया है कि वे नेट और जाल सरकारी आयोजनों के माध्यम से ही मछली पालको को उपलब्ध कराते हैं।