गरियाबन्द में करवाचौथ पर्व को लेकर महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिला, जहां नव विवाहिताओं ने विशेष तैयारी की। सुबह से ही महिलाएं पूजा-पाठ की सामग्री तैयार करने में जुट गईं और पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर देर शाम सोलह श्रृंगार कर अपने चांद का दीदार किया। चांद के निकलते ही उन्होंने पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत तोड़ा इस तरह से यह परंपरा अब सिर्फ महिलाओं तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब पुरुष भी बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा लेने लगे हैं।इस अवसर पर शहर में जमकर आतिशबाजी भी हुई, जिससे वातावरण में उत्साह का माहौल बना रहा।
सुहागिनों का प्रमुख त्योहार करवा चौथ – वर्षा तिवारी
इस पर्व को सुहागिनों का प्रमुख त्योहार माना जाता है, और गरियाबंद में यह धूमधाम से मनाया गया। जैसे ही चांद निकला, महिलाएं छतों पर पूजा की थाली लेकर पहुंचीं। उन्होंने चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा-पाठ किया और एक-दूसरे को करवा चौथ की कथा सुनाईं। नव विवाहिताओं के साथ-साथ बुजुर्ग सुहागिनों में भी इस पर्व का खासा उत्साह देखने को मिला।
महिलाओं ने दिनभर उपवास रखा और शाम को चांद निकलने के बाद अपने पतियों के चेहरों को चलनी से देखा। इस विशेष पल में उन्होंने पति के हाथों से पानी पीकर व्रत तोड़ा। इतना ही नहीं, बुजुर्ग दंपत्तियों ने भी इस पल को यादगार बनाने के लिए सेल्फी लेकर खुशियों को साझा किया।
करवा चौथ व्रत क्यों रखा जाता है, जानें क्यों कहते हैं कि इसे प्रेम, समपर्ण और त्याग की पराष्ठा का पर्व -श्यामकली तिवारी
शयमकाली तिवारी ने बताया करवा चौथ भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का प्रतीक है । इस व्रत में महिलाएं श्री गणेश जी की पूजा करती हैं, जो मंगल और सिद्धि के देवता माने जाते हैं। गणेश जी की पूजा करने से उनके पति के जीवन में सभी बाधाओं का नाश होता है और समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही चंद्रमा की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि चंद्रमा को शीतलता, शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। चंद्रमा को अर्घ्य देने से पति-पत्नी के जीवन में चंद्रमा जैसी शीतलता और संतुलन की प्राप्ति होती है।
सुबह से बाजार में रही रौनक
महिलाओं में व्रत को लेकर दिखा उत्साह
मेहंदी लगाने वालों की दुकानों पर काफी भीड़ रही। महिलाओं ने एकत्रित होकर थाली बदलने की रस्म निभाई। सुुंदर परिधानों में सजी महिलाओं में व्रत को लेकर काफी उत्साह रहा। महिलाओं ने पूजा अर्चना कर पति की लंबी उम्र की कामना की। करवाचौथ व्रत पर कई जगह कार्यक्रम आयोजित किए गए। महिलाओं ने इसके लिए खूब खरीदारी भी की।