दीपोत्सव से 7 दिन पहले गुरुवार यानि आज गुरु पुष्य नक्षत्र के साथ अमृत और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। बाजार में धन वर्षा होगी।
read more : Diwali 2024: 31 अक्टूबर या 1 नवंबर कब है लक्ष्मी पूजा? यहां जानें सही डेट
24 अक्टूबर को सुबह सवा छह बजे से लेकर अगले दिन 25 अक्टूबर को सुबह सात बजकर 40 मिनट यह नक्षत्र रहेगा। पुष्य नक्षत्र में खरीदी की गई कोई भी वस्तु लंबे समय तक उपयोगी रहती है तथा शुभ फल प्रदान करती है।
गुरु पुष्य नक्षत्र में कौन-सी वस्तु खरीदें
- पुष्य नक्षत्र पर शनि के प्रभाव के कारण लोहा भी महत्वपूर्ण है।
- चंद्र के प्रभाव के कारण चांदी की खरीदारी भी शुभ मानी जाती है।
- इस नक्षत्र में भूमि, जमीन, घर, भवन, गाड़ी खरीदना शुभ होता है।
दुकान में दक्षिणावर्ती शंख की स्थापना करने से धन आगमन होता है।
गुरु पुष्य नक्षत्र सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त
गुरु और पुष्य दोनों ही धन, समृद्धि, और ज्ञान के प्रतीक हैं। इसलिए, इन दोनों के संयोग से बनने वाला योग बहुत शुभ माना जाता है और इस योग के दौरान जितने भी कार्य किये जाते हैं, उनमें सफलता मिलने की संभावना होती है।