ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ते नशाखोरी के कारण अब आने वाली नई पीढ़ी पर इसका साफ असर दिख रहा है,गांव-गांव में बिकने वाले महुआ शराब,गांजा एवं मेडिकल नशा के कारण स्थिति बदतर हो रही है, इससे निपटने के लिए प्रशासन में आबकारी एवं पुलिस विभाग के द्वारा कार्रवाई की जानी चाहिए लेकिन इसके बावजूद संरक्षण एवं कार्रवाई नहीं होने के चलते नशा का सामान बेचने वालों का हौसला बुलंद है। इस समस्या से निपटने के लिए सक्ती जिले के डभरा ब्लॉक अंतर्गत नवापारा ड ग्राम की सैकड़ो महिलाएं ने खुद इसे रोकने का जिम्मा उठाया है। पर अच्छाई काम में भी कभी-कभी दिक्कत आती है,जब नशा का सामान बेचने वालों के घर जाकर उन्हें मना किया जा रहा है,तो महिलाओं को भी दबंगों द्वारा धमकी दी जा रही है। बताया जा रहा है कि नशा सामान बेचने वालों को कहीं ना कहीं संरक्षण प्राप्त है,इसीलिए खुलेआम घर पहुंच सेवा के साथ महुआ शराब एवं गांजा का सामान बेचा जा रहा है।
नवापारा ड ग्राम की महिलाओं ने ग्राम में पूर्णतः नशाबंदी करने की मुहिम छेड़ी है,, इसके लिए वे सक्ति जिले के कलेक्टर अमृत विकास टोपनो और पुलिस अधीक्षिका अंकिता शर्मा से मिलकर अपनी समस्या बताइ हैं। महिलाओं के अनुसार गांव में बड़े स्तर पर महुआ शराब और गांजा की बिक्री हो रही है, जिससे रोजी मजदूरी करने वाले परिवार बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं, नशाखोरी करने वाले लोग पैसे नहीं मिलने पर घर के पीडीएस चावल को बेचकर शराब खरीद रहें हैं,, वही बच्चे एवं युवा अपनी पढ़ाई छोड़कर नशा के गिरफ्त में अपना भविष्य खराब कर रहे हैं। इसको लेकर ग्राम के महिलाएं एकजुट होकर सभी नशा का सामान बेचने वालों को घर-घर जाकर मना किया जा रहा है, इसके बावजूद भी चोरी छिपे नशा के ठेकेदार अपना कार्य जारी रखे हुए हैं, महिलाओं ने बड़े अधिकारियों से निवेदन किया है कि जल्द ही अगर सभी नशे के ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं की जाएगी,, तो महिलाएं उग्र आंदोलन को मजबूर होंगी।