मंदसौर | Dhanteras 2024: आज धनतेरस का त्यौहार है, और आज के दिन धन के देवता कुबेर की पूजा अर्चना का खास महत्व है ।आमतौर पर हर घर में आज धन-धान्य और कुबेर देवता की पूजा होती है। लेकिन आज हम आपको कुबेर देवता के एक ऐसे मंदिर के इतिहास और उनके दर्शन के महत्व के बारे में बताते हैं जो गुप्त काल के जमाने से विराजमान है। मंदसौर स्थित भगवान कुबेर के इस मंदिर पर दर्शन के लिए आज ब्रह्म मुहूर्त से ही हजारों दर्शनार्थियों की लंबी-लंबी लाइने लग गई।
मंदसौर के खिलची पूरा स्थित गुप्तकालीन धोलागढ़ महादेव मंदिर, कुबेर मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर के अलावा मंदसौर का धोलागढ़ महादेव मंदिर दूसरा ऐसा मंदिर है। जहां भगवान शिव के साथ कुबेर देवता की प्रतिमा विराजित है। ढाई हजार साल पुराने इस मंदिर में कुबेर देवता की 2 फीट ऊंचाई वाली पश्चिम मुखी वक्री प्रतिमा विराजित है। धार्मिक दृष्टिकोण से भगवान कुबेर के मुख का वक्री होने का अर्थ, झुक कर देखना है.
और इस मुद्रा के उन्हें धन-धान्य की ओर झुकाव के तौर पर परिलक्षित माना जाता है। इसलिए इस प्रतिमा के दर्शन का भी आज के दिन खास महत्व है ।बताया जाता है कि भगवान शिव के उपासक के रूप में कुबेर जो यम रूपी है। वह विश्व के धन-धान्य के देवता माने जाते हैं। इसलिए धनतेरस के दर्शन के लिए आज के दर्शन के खास से महत्व के रूप में लोगों की यहां सुबह से ही उमड़ पड़ी ।
धोलागढ़ महादेव मंदिर में भगवान शिव को जल चढ़ाने की भी एक धार्मिक मान्यता यह है कि यहां चढ़ाया हुआ जल शिवलिंग की कुंडी से बाहर नहीं निकलता है। लिहाजा वह भगवान शिव और कुबेर को अर्पित हो जाता है, इसलिए भी भगवान शिव को जल चढ़ाने और कुबेर को घी का दीपक लगाने के लिए दूर दराज से कई श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।आज हजारों दर्शनार्थियों की आमद के मद्देनजर प्रशासन ने यह सुरक्षा व्यवस्था के खास से इंतजाम किए हैं।
धार्मिक मान्यता के मुताबिक यह मंदिर यति द्वारा तंत्र क्रिया करके उड़ाकर लाये जाने की भी मान्यता है, लिहाजा इसे तंत्र क्रिया के मामले में भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। भारी भीड़ के मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के माकूल इंतजाम किए हैं। मंदिर के सनातनी पुजारी हेमंत गिरी गोस्वामी ने बताया कि दीपावली के पहले धन की पूजा यानी कुबेर की पूजा और उनके दर्शन का खास महत्व है। धनतेरस के दिन कुबेर देवता को घी के दीपक लगाने के लिए यहां सैकड़ो लोग पहुंच रहे हैं और पूजा अर्चना के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है।