अहमदाबाद। 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की 149वीं जयंती पर है। इस अवसर पर केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर एकता परेड आयोजित किया गया। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए।
https://x.com/DDNewslive/status/1851809164059906204
सरदार पटेल का योगदान
सरदार पटेल का मानना था कि एक मजबूत राष्ट्र के लिए सभी राज्यों का एकीकरण आवश्यक है. उन्होंने अपनी दूरदर्शिता और कठोर नेतृत्व के माध्यम से सभी रियासतों को एक साथ लाने का कार्य किया. उन्होंने जीवनभर किसानों, मजदूरों और कमजोर वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और हमेशा समाज में समानता का संदेश दिया.‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण भारत की सांस्कृतिक और भौगोलिक एकता का प्रतीक है. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल की यह प्रतिमा न केवल एक प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि दुनिया को यह संदेश भी देती है कि भारत एकता और अखंडता में विश्वास रखता है. यह मूर्ति 182 मीटर ऊंची है और नर्मदा नदी के किनारे स्थित है, जो एक बड़े पर्यटक स्थल के रूप में भी उभरी है. हर साल हजारों पर्यटक इस प्रतिमा को देखने और सरदार पटेल के अद्वितीय योगदान को जानने आते हैं.
‘रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम
प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर पूरे देश में ‘रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम का भी आयोजन किया. इस दौड़ का उद्देश्य देश के नागरिकों को एकता और समर्पण का संदेश देना है.
मैं राष्ट्र की एकता अखंडता ओर सुरक्षा के लिए स्वयं को समर्पित करूंगा
मोदी ने एकता दिवस की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा- मैं सत्य निष्ठा से शपथ लेता हूं कि मैं राष्ट्र की एकता अखंडता ओर सुरक्षा के लिए स्वयं को समर्पित करूंगा और अपने देशवासियों के बीच यह संदेश फैलाने का भी भरसक प्रयत्न करूंगा।मैं यह शपथ अपने देश की एकता की भावना से ले रहा हूं। जिसे सरदार वल्लभ भाई पटेल की दूरदर्शिता और कार्यो द्वारा संभव बनाया जा सका। मैं अपने देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना योगदान करने का भी सत्य निष्ठा से संकल्प करता हूं।
सरदार पटेल की यह प्रतिमा (182 मीटर) दुनिया में सबसे ऊंची है। 2010 में मोदी ने बतौर मुख्यमंत्री इसे स्थापित करने का ऐलान किया था। 31 अक्टूबर 2013 से प्रतिमा का निर्माण शुरू हुआ, जो पांच साल बाद यानी कि 31 अक्टूबर 2018 को सरदार पटेल की 143वीं जयंती पर पूरा हुआ। प्रतिमा का उद्घाटन PM नरेंद्र मोदी ने किया था।