Chhath Puja 2024: इस साल छठ पूजा का पर्व 5 नवंबर 2024 से प्रारंभ हो रहा है। छठ पूजा चार दिनों का महापर्व है जो मुख्य रूप से पूर्वांचल, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के लोग मनाते हैं। इस पर्व में सूर्य देव और छठी माई की पूजा की जाती है
छठ पूजा का यह महापर्व 5 नवंबर से नहाय-खाय के साथ शुरू होगा, इसके बाद 6 नवंबर को खरना, 7 नवंबर को संध्या अर्घ्य और अंत में 8 नवंबर को उषा अर्घ्य के साथ पूजा का समापन होगा। यह पर्व संयम, श्रद्धा, और स्वच्छता के प्रति समर्पण का प्रतीक है, जिसमें व्रतधारी कठिन नियमों का पालन करते हैं। इसमें भगवान सूर्य और छठी माता की पूजा की जाती है. लेकिम सवाल यह उठता है कि महिलाएं नाक से सिंदूर क्यों भारती हैं और इसके पीछे की क्या मान्यता है.
हिंदू धर्म में सुहागिन महिलाओं के लिए सिंदूर का विशेष महत्त्व होता है सिंदूर से ही उनके दांपत्य जीवन में होने की पहचान भी होती हैं. माथे का सिंदूर महीला के जिंदगी और श्रृंगार का सब से बड़ा गहना होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सिंदूर सुहागिन महिला की निशानी होता है और नाक से मांग तक सिंदूर भरने का मतलब पति की लंबी उम्र की कामना करना है. मान्यताओं के अनुसार महिलाएं जितना लंबा सिंदूर लगाती हैं पति की आयु भी उतनी ही लंबी होती है.
सिन्दूर का कलर कैसा होना चहिए
नाक से सिंदुर भरने के पीछे एक और मान्यता है माना जाता है की नाक से सिंदूर भरने से पति के मान सम्मान में वृद्धि होती है और वह सदैव शक्ति के साथ गतिशील रहते हैं जो जितना लंबा सिंदूर लगाता है उसके पति और पुत्र को उतनी ही यश कीर्ति प्राप्त होती हैं.सामान्यतः सिंदूर का कलर लाल यानी सिंदूरी ही होता है लेकिन छठ पूजा में नारंगी सिन्दूर से मांग भरना और पूजा करना शुभ माना जाता है. क्यों की इस कलर को सूर्य के रंग नारंगी और पीले रंग से जोड़ा जाता है जो सूर्य के प्रकाश और तेज को दर्शाता है और व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक उर्जा का संचार करता है.