पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेड एंड हॉस्पिटल में लेडी डॉक्टर के रेप और मर्डर मामले के 87 दिन बाद एक अदालत ने सोमवार को मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ आरोप तय किए.
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इस दौरान कोर्ट से आते वक्त रॉय ने दावा किया कि उसे फंसाया गया है. आरोपी सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय ने कहा “मैंने कुछ नहीं किया है मुझे इस बलात्कार-हत्या मामले में फंसाया गया है. कोई मेरी बात नहीं सुन रहा है. सरकार मुझे फंसा रही है और मुझे मुंह न खोलने की धमकी दे रही है.”अदालत ने मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ सोमवार को आरोप तय किए. हालांकि, रॉय ने खुद को निर्दोष बताते हुए मामले में फंसाए जाने का आरोप लगाया है.
अस्पताल क्यों गया था संजय रॉय?
सीबीआई रेप और मर्डर के पीछे की साजिश और रहस्य को जानने के लिए मामले में सीबीआई ने मुख्य आरोपी संजय रॉय सहित कुल सात आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट किया था. पूछताछ के दौरान संजय रॉय के बयान में ऐसी कई विसंगतियां सामने आई थीं. लेकिन सीसीटीवी फुटेज, मौजूद सबूत, दूसरों के बयान, संजय रॉय के मोबाइल से मिली जानकारी और उसके शरीर पर चोट के निशान, सब मिलाकर जांचकर्ताओं को अभी तक संजय के अलावा किसी और का घटना से सीधा संबंध नहीं मिला था.
संजय रॉय के साथी सिविक वॉलेंटियर ने पूछताछ में दावा किया था कि वो पहले सेक्स वर्कर के पास गया था. वहां से निकलने के बाद संजय रॉय का मूड बहुत खराब था. संजय रॉय सेक्स वर्कर के पास नहीं गया था और बाहर ही खड़ा रहा. उसका साथी सिविक वॉलेंटियर अंदर गया था. उसके अचानक बाहर आने के बाद संजय रॉय ने उससे कहा कि आरजी कर अस्पताल जाएंगे. इसके बाद वो अस्पताल गया था.
इन धाराओं के तहत आरोप तय
पश्चिम बंगाल की सियालदह कोर्ट ने आरोपी संजय रॉय के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1), 64 और 66 के तहत आरोप तय किए. धारा 103(1) हत्या करने वाले को मृत्युदंड या आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा का प्रावधान करती है. वहीं धारा 64 बलात्कार के लिए सजा की व्यवस्था करती है, जबकि धारा 66 के तहत पीड़िता की मौत या उसे स्थायी शारीरिक/मानसिक स्थिति में डालने पर सजा का प्रावधान है.