बिहार की स्वर कोकिला शारदा अब हमारे बीच नहीं रहीं। पिछले सात दिन से दिल्ली एम्स में भर्ती शारदा सिन्हा ने मंगलवार देर शाम अंतिम सांस ली। वह 72 साल की थी। उनके बेटे अंशुमान ने शारदा सिन्हा के निधन की पुष्टि की है। शारदा सिन्हा का यूं जाना बिहार के संगीत प्रेमियों के लिए बड़े सदमे की तरह है।
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बिहार के सुपौल जिले में जन्मी शारदा सिन्हा की आवाज ने बचपन से ही लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली थी। उनकी छवि लाल बिंदी, सिंदूर से सजी मांग और चश्मा पहने, हर संगीत प्रेमी के दिल में गहरी छाप छोड़ गई। उनका संगीत आज भी दिल को सुकून देने वाला है।जहां तक उनकी संपत्ति का सवाल है, शारदा सिन्हा की कुल संपत्ति का कोई आधिकारिक आंकड़ा तो नहीं है, लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक उनकी संपत्ति का अनुमान 20 से 50 लाख डॉलर यानी करीब 16 से 42 करोड़ रुपये के बीच लगाया गया है। शारदा के परिवार में उनके दो बच्चे हैं- बेटा अंशुमान सिन्हा और बेटी वंदना।
शारदा सिन्हा के फेमस गीत
शारदा सिन्हा के मशहूर छठ गीतों की बात करें तो ‘दुखवा मिटाईं छठी मइया’ ना ही सिर्फ बिहार बल्कि दुनिया भर में बसे भारतीयों के दिलों में गूंजता है। उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने हाल ही में दिल्ली के एम्स से शारदा सिन्हा के एक और फेमस छठ गीत को रिलीज किया। इसके अलावा शारदा ने बॉलीवुड में भी अपनी आवाज दी है। फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का गीत ‘तार बिजली से पतले हमारे पिया’ और ‘मैंने प्यार किया’ का ‘कहे तोसे सजना’ आज भी फैंस के बीच बेहद लोकप्रिय हैं।
संगीत करियर:
– शारदा सिन्हा ने अपने संगीत करियर की शुरुआत 1970 के दशक में की।
– उन्होंने अपना पहला गाना आकाशवाणी रेडियो स्टेशन पर गाया।
– उन्होंने भोजपुरी, मैथिली, हिंदी और अन्य भाषाओं में कई गाने गाए।
– उन्होंने कई फिल्मों में भी गाया है, जिनमें “गंगा किनारे मोरा गाँव”, “बिदेशिया” और “दूल्हा गंगा पार के” शामिल हैं।
पुरस्कार और सम्मान:
– पद्म श्री सम्मान (1991)
– संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1991)
– बिहार सरकार द्वारा “बिहार गौरव” सम्मान
– कई अन्य राज्य और राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार
विरासत और प्रभाव:
– शारदा सिन्हा को भोजपुरी और मैथिली संगीत की “क्वीन” कहा जाता है।
– उन्होंने कई युवा गायकों को प्रेरित किया है।
– उनके गाने आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं।
शारदा सिन्हा के लोकप्रिय गीतों में से कुछ इस प्रकार हैं:
– पिरितिया काहे ना लगवले
– पटना से बैदा बोलाइ दऽ, नजरा गइलीं गुइंया
– पनिया के जहाज से पलटनिया बनि अइहऽ पिया
– बतावऽ चाँद केकरा से कहाँ मिले जालऽ
– रोई-रोइ पतिया लिखवले रजमतिया
– कहे तोसे सजना
– तार बिजली से पतले हमारे पिया