जांजगीर चाँम्पा उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा आयोजित जनजातीय समाज के गौरवशाली अतीत पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला में शामिल होने पहुंचे। कार्यशाला में जनजातीय समाज के ऐतिहासिक, सामाजिक और आध्यात्मिक योगदान की चर्चा हुई। जांजगीर-चाम्पा जिले डॉ. भीमराव अम्बेडकर शासकीय महाविद्यालय बलौदा में एक दिवशीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
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कार्यक्रम में अजय सिंह जगत ने कहा कि, जनजाति समाज की परंपरा ऐतिहासिक है, लिपि परंपरा बाद में आई।हमारे लोकगीतों का इतिहास रहा है प्रकृति पूजा जनजाति समाज की मूल परम्परा है। जलवायु परिवर्तन के दौर में जनजाति समाज की परंपरा अनुकरणीय है। जनजाति समाज सबको फलने-फूलने का अवसर देता है। स्त्री-पुरुष में भेदभाव नहीं है, सब समान हैं। जनजाति समाज समृद्ध संस्कृति का हिस्सा है।
अपने सुंदर संस्कृति को बचाने के लिए आदिवासी नायकों ने संघर्ष किया
सुंदर संस्कृति को बचाने के लिए ही आदिवासी नायकों ने संघर्ष किया
-बीके पटेल,शासकीय महाविद्यालय,प्रचार्य नवागढ़ कहा कि,अपने सुंदर संस्कृति को बचाने के लिए ही आदिवासी नायकों ने संघर्ष किया है। भगवान बिरसा मुंडा ने जनजाति के लिए शोषण मुक्त समाज का सपना देखा था।केंद्र की मोदी सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जनजाति समाज की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं।