CG: पुरानी बस्ती रायपुर स्थित जैतू साव मठ में में आंवला नवमी का त्यौहार श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाया गया प्राप्त जानकारी के अनुसार दोपहर 12:00 बजे पूजा अर्चना का कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।
आंवला वृक्ष के नीचे भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी तथा राधा -कृष्ण जी की मूर्ति को चांदी के सिंहासन पर आरूढ़ करके विधिवत पूजा अर्चना की गई। भगवान की स्तुति कर उन्हें भोग अर्पित किया गया।
बड़ी संख्या में उपस्थित माताओं तथा श्रद्धालु भक्तों ने आंवला वृक्ष की परिक्रमा की और भगवान से आशीर्वाद मांगा, सभी श्रद्धालु भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया उल्लेखनीय है कि आंवला नवमी के त्यौहार को अक्षय नवमी के नाम से भी जाना जाता है.
महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने आंवला नवमी के त्यौहार के संदर्भ में कहा कि- जो भी श्रद्धालु भक्त आंवला नवमी के व्रत को विधिवत पूरा करता है उसे माता लक्ष्मी एवं भगवान श्री हरि की विशेष कृपा प्राप्त होती है, इस लोक में सुख संपत्ति की प्राप्ति होती है साथ ही उसे मोक्ष की प्राप्ति भी सुलभ हो जाती है।
मठ ट्रस्ट कमेटी के सदस्य अजय तिवारी ने आंवला नवमी के वैज्ञानिक आधार को दृष्टिगत रखते हुए कहा कि -आंवला नवमी आध्यात्मिक रूप से हमें भगवत भक्ति प्रदान तो करता ही है साथ ही वैज्ञानिक दृष्टि से भी यदि हम देखें तो आंवला विटामिन सी का बहुत बड़ा स्रोत है यह लोगों को सर्दी खांसी से बचाता है.
शरद ऋतु के बाद अब शीत ऋतु प्रारंभ हो गई है इसलिए इसका उपयोग हमारे पूर्वज लोग करते आ रहे हैं यह मनुष्य में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी उत्पन्न करता है सभी दृष्टि से आंवला नवमी का त्यौहार अति उत्तम है। इस अवसर पर इस अवसर पर महेंद्र अग्रवाल , अजय तिवारी, पुजारी सुमित तिवारी ,शालिनी अग्रवाल, शैल अग्रवाल, जितेंद्र अग्रवाल, अमित अग्रवाल, रमेश यदु चंद्रकांत यदु, गोविंद, दीपक, व बड़ी संख्या में गुरुकुल विद्यार्थी उपस्थित थे ।