गरियाबंद में इन दिनों कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। सुबह और रात के साथ ही दिन में भी तापमान में गिरावट आई है।
रविवार को पारा करीब एक डिग्री कम हुआ। फिर भी ठंड कम नहीं हुई है। उत्तर भारत से आ रही ठंडी हवाओं के चलते रात में शीतलहर की हालात है और ठंड कंपकंपा रही है। रविवार को न्यूनतम तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। ठंड की वजह से अब दिन में भी सूर्य की तेज कम हो गई है।
शहर के साथ ही जिले में अब ठंड तेज हो गई है। सुबह-सुबह ठंडी हवाओं के साथ हल्के कोहरे छाने लगी है। स्थिति यह है कि सुबह से ही लोग गर्म कपड़ों के साथ धूप सेंकते दिख रहे हैं। वहीं, दोपहर में भी सूर्य की तेज कम हो गई है। ठंड से बचने के लिए कंबल और रजाई का सहारा लेने लगे है। शनिवार की तुलना में रविवार को तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई। जिसके बाद भी ठंड में कमी नहीं आई है। रविवार को न्यूनतम तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस!दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.3 डिग्री कम है।
मौसम विज्ञानी के मुताबिक उत्तर से आने वाली ठंडी और शुष्क हवाओं का आगमन लगातार जारी है। वातावरण के मध्य स्तर में नमी का आगमन प्रारंभ हो रहा है, जिसके कारण न्यूनतम तापमान में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की संभावना है।
शहर में हो अलाव की व्यवस्था
देर रात बस में आने वाले मुसाफ़िर चौक-चौराहों के साथ ही सावर्जनिक जगहों पर अलाव की व्यवस्था की जानी चाहिए। ताकि, बाहर फूटपाथ में सोने वाले ट्रक चालक बेसहारा लोगों को ठंड से राहत मिल सके। वहीं, रिक्शा चालक और मुसाफिर भी अलाव के सहारे रात बिताते हैं।
गर्म कपड़ों की बढ़ी डिमांड
मार्केट में गर्म कपड़ों की डिमांड बढ़ गई है। ऊलन मार्केट में स्वेटर, जैकेट, मफलर, शाल और दस्ताने खरीदने के लिए दुकानों पर भीड़ जुटने लगी है। कपड़ा व्यावसायियों का कहना है कि ठंड बढ़ने के साथ ही गर्म कपड़ों की डिमांड बढ़ गई है। दुकानों में देर रात तक ग्राहकी बनी रहती है।में बाजार सहित गौरव पथ पर रविवार को गर्म कपड़े की दुकाने सजने लगी है
स्वास्थ्य पर पड़ रहा प्रभाव
स्वास्थ्य विशेषज्ञ ठंड में बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनने, गर्म पानी पीने और ठंड से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दे रहे हैं। सुबह की हल्की धूप में बैठना और गर्म तरल पदार्थों का सेवन करने से सर्दी से बचा जा सकता है। इधर लोग सर्द हवाओं के कारण लोग घरों में जल्दी लौट रहे हैं। अलाव जलाकर ठंड से राहत पाने की कोशिशें हो रही हैं। सार्वजनिक स्थानों पर भी अलाव की व्यवस्था देखी जा रही है।