रायपुर/भिलाई| अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की एक महत्वपूर्ण बैठक रायपुर में हुई। यह बैठक विंध्यहरण सिंह क्षत्रिय भवन सरोना व स्थानीय होटल बेबीलॉन में आयोजित की गई। इसमें अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के पदाधिकारियों की मौजूदगी रही। क्षत्रिय भवन में 15 स्थानीय संगठनों ने अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर हरिवंश सिंह के प्रति आस्था जताई। पूर्व सीएम, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह का सम्मान किया गया। डॉ. रमन सिंह समाज के राष्ट्रीय संरक्षक भी हैं। समाज के लोगों को जागरूक किया गया और कई जरूरी विषयों पर चर्चा हुई।
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राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद प्रतापगढ़ यूपी कुंवर हरिवंश सिंह ने कहा, एक रहोगे तो सेफ रहोगे, बटोगे तो कटोगे। क्षत्रियों से रियासते लेकर राजनैतिक दल हमारे समाज से सियासत न करे। पूर्व सांसद ने प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में बताया कि हमारे मुख्य संरक्षक को जो सम्मान मिला लेकिन समाज चाहता था कि उनके व्यक्तित्व अनुसार कद बढता कैबिनेट में केन्द्रीय व राज्यों मे क्षत्रियों की घटती संख्या भी चिंता जताई। सामूहिक एकता बहुत जरूरी है। युवा राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अध्यक्ष दया सिंह ने कहा कि सामाजिक नेतृत्व में कुंवर हरिवंश सिह के नेतृत्व में आस्था जिन संगठनों ने व्यक्त किया उनका सम्मान बढ़ेगा। संगठन ने प्रतिभाओं का सम्मान किया। संगठन के वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री ने बताया कि 1 दिसंबर को नई दिल्ली कार्यकारिणी थी। आज अपने मुख्य संरक्षक पूर्व मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिह का राष्ट्रीय अध्यक्ष व युवा कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष पदाधिकारियों शास्वत सिंह, अजय सिंह, प्रमोद सिंह, संतोष सिंह, प्रकाश सिंह संग सम्मान किया। हिन्दूत्व पर चर्चा भी की गई। संगठन शिल्पी वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री राघवेन्द्र सिह राजू ने कहा कि हर मुद्दों पर हमें संगठन के माध्यम से अपने समाज की बात रखूंगा। हमारा समाज उपेक्षित न हो। इस दौरान उन्होंने कहा कि, कुर्सी पाने व चोला का रंग बदलने का दौर है। कुछ लोग यही कर रहे हैं। वोट बैक की राजनीति ने जातियों में उन्माद पैदा किया। यह बहुत चिंतन की बात है। राजनैतिक दलों को सोचना चाहिए कि मतदान का शत प्रतिशत क्यों नहीं बढ़ पा रहा है? शत् प्रतिशत मतदान के लिए कानून बने। हमारे समाज को लेकर आज राजनैतिक दलों के प्रति उदासीनता क्यों?
क्षत्रियों के सांसद-विधायक-मंत्रियों की संख्या घट क्यो रही?आजादी से लेकर आज तक महापुरुषों हमारे धर्मग्रन्थों का घोर अपमान कभी नही हुआ था। कभी भी कोई विवाद नहीं खड़ा नहीं हुआ। राजनीतिक नेताओं ने 13% क्षत्रिय समाज को विखण्डन करने हमें-वर्गो जातियों उपजातियों में बांटने की साजिश रची। मिशन – क्षत्रिय संगठन 1987 से लेकर संगठन निस्वार्थ एकता एकजुटता क्षत्रियों के हक व अधिकारों को लेकर प्रयासरत है।