जांजगीर। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की प्रमुख मो. युनुस उग्रवादियों को काबू नही कर पा रहे हैं जिसकी वजह से देश में हिन्दूूओं पर अत्याचार की घटनाएं लगातार सामने आ रही है इसे लेकर जिला मुख्यालय जांजगीर के हॉकी मैदान में सर्व हिन्दूू समाज के द्वारा आक्रोश प्रदर्शन किया गया जिसमें लगभग 1000 से ज्यादा सनातनियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान संतो और विभिन्न समाज के प्रमुखों ने एक स्वर में बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार को मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाला बताया साथ ही हमारे साझा संस्कृति और धार्मिक मूल्य को भी आहत करने वाला बताया। आक्रोश प्रदर्शन के बाद महामहिम राष्ट्रपति और राज्यपाल के नाम एस.डी.एम. को 3 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन सौंपा गया। इससे पूर्व सर्व हिन्दू समाज के लोग नैला से रैली के रूप में हॉकी मैदान पहुंचे।
इस दौरान प्रमुख रूप से पूर्व नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, समाजिक कार्यकर्ता अमित गौरहा, डॉ ललित कुर्रे, प्रतिक गुप्ता (इस्कान), प्रवीण पाण्डेय, श्रीमती मनीषा गोपाल, योगेश शर्मा, अधिवक्ता मनमथ शर्मा ने संबोधित किया। कार्यक्रम में संत समाज से शालिग्राम महाराज, सर्वेस्वर दास जी महाराज, नारायण जी महाराज, इस्कान के शिवाय प्रभु जी मौजूद रहे।
उपस्थित संतो और समाज प्रमुखों ने इस दौरान कहा कि हमारा देश भारत हमेशा से विभिन्न धर्मो संस्कृतियों और आस्थाओं का संगम रहा है। बांग्लादेश भी हमारे इतिहास, संस्कृति और समाज का एक अभिन्न हिस्सा है फिर भी वहां हिन्दूू बौद्ध और ईसाई समुदायों के खिलाफ हो रहे घृणित हमलों और अत्याचारो ने हमारी अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है।
00 हाल की ज्वलंत घटनाएं
गत दिनों में बांग्लादेश के ढाका स्थित इस्कान मंदिर के चिन्मय कृष्ण दास सहित अन्य संतो को केवल उनके हिन्दूू धर्म के होने की वजह से गिरफ्तार कर लिया गया। वही एक हिन्दूू दुकानदार पर हमला कर उसकी दुकान लूट ली गई। सिराजगंज में कट्टरपंथियों द्वारा लोकनाथ मंदिर पर पेट्रोल बम फेका गया साथ ही अन्य हिन्दू धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाया गया। बगेरहाट में एक हिन्दू लड़की को जबरन धर्मांतरण कर आतंकी संगठन में शामिल किया गया और कई हिन्दू महिलाओं के साथ दुश्कर्म की घटनाएं को भी अंजाम दिया गया।
आक्रोश प्रदर्शन में जांजगीर सहित आसपास के क्षेत्रो से बड़ी तादाद में सामाजिक कार्यकर्ता, आमजनता, विश्व हिन्दू परिषद् सहित विभिन्न संगठनो के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।