रायपुर। Nikay chunav : दिसंबर-जनवरी में होने वाले नगरीय निकाय और त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों के लिए कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। हालांकि, भाजपा की तुलना में कांग्रेस की गति थोड़ी धीमी नजर आ रही है, लेकिन पार्टी इस बार स्थानीय और प्रदेश स्तरीय मुद्दों को प्राथमिकता देने की योजना बना रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि प्रदेश की जनता वर्तमान सरकार के कामकाज से असंतुष्ट है, जो उनके लिए एक मौका हो सकता है। पार्टी अब विभिन्न इलाकों की प्राथमिकताओं को समझकर अलग-अलग घोषणा पत्र तैयार करने की सोच रही है, ताकि मतदाताओं के बीच प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराई जा सके।
धान खरीदी बनेगी बड़ा चुनावी मुद्दा
धान खरीदी की राजनीति ने हमेशा छत्तीसगढ़ में अहम भूमिका निभाई है। इस बार कांग्रेस इसे अपने प्रमुख मुद्दों में शामिल करने जा रही है। पार्टी ने ‘धान खरीदी केंद्र चलो अभियान’ शुरू कर दिया है, ताकि इस समस्या से जूझ रहे लोगों का समर्थन हासिल किया जा सके।
उपचुनाव में हार की समीक्षा पर उठे सवाल
हाल ही में हुए उपचुनाव में कांग्रेस की हार ने कार्यकर्ताओं को निराश किया है। हार के कारणों पर अब तक समीक्षा नहीं होने से बदलाव की मांग जोर पकड़ रही है।
2018 की सफलता दोहराने की चुनौती
2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की भारी बहुमत वाली जीत का असर निकाय चुनावों में भी दिखा था, जहां 14 नगर निगमों में कांग्रेस के महापौर बने थे। लेकिन अब नए हालात में कांग्रेस को अपनी पकड़ मजबूत रखने के लिए और अधिक मेहनत करनी होगी।
निगाहें जनता पर, बदलाव की ओर
कांग्रेस की नई रणनीति में धान खरीदी, बढ़ते अपराध और स्थानीय समस्याओं को प्रमुखता दी जा रही है। क्या ये मुद्दे पार्टी को निकाय चुनाव में जीत दिला पाएंगे? जनता की राय आने वाले चुनाव में स्पष्ट होगी।