डेस्क। Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सरकारों की ओर से फ्री में दी जा रही सुविधाओं को लेकर सवाल उठाया है. कोर्ट ने पूछा कि आखिर फ्री की रेवड़ी कब तक बांटी जाएगी? कोर्ट ने कहा कि कोविड महामारी के बाद से मुफ्त राशन प्राप्त कर रहे प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार के अवसर बनाने की जरूरत है।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने उस वक्त हैरानी जताई जब केंद्र ने अदालत को बताया कि 81 करोड़ लोगों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत मुफ्त या सब्सिडी वाला राशन दिया जा रहा है. इसपर बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा, “इसका मतलब है कि केवल टैक्सपेयर्स ही बाकी हैं”
एनजीओ की ओर से दायर एक मामले में पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि उन प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन मिलना चाहिए जो “ई-श्रमिक” पोर्टल पर पंजीकृत हैं. इसपर बेंच ने कहा, “फ्रीबीज़ कब तक दिए जाएंगे? क्यों न हम इन प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार के अवसर, रोजगार और क्षमता निर्माण पर काम करें?”