धमतरी | CG: पर्यावरण संरक्षण, पोषण, और परोपकार का अनूठा उदाहरण पेश कर रहे साहू दंपति रंजीता और तुमनचंद भैसमुंडी ने जिले में अपने खेतों में जल संरक्षण और पेड़ लगाने की पहल से समाज को प्रेरित किया है। उनकी मुहिम ‘पेड़ लगाबो तभे तो फल खाबो’ न केवल पर्यावरण को बचाने का संदेश देती है, बल्कि इससे बच्चों, स्कूलों और किसानों को भी लाभ हो रहा है।
रंजीता और तुमनचंद भैसमुंडी ने अपने खेत में आधे एकड़ में तालाब निर्माण किया है और 2 एकड़ में 1100 फलदार वृक्ष लगाए हैं। इसके अलावा, उन्होंने आधा एकड़ भूमि पर गौशाला भी बनाई है। साल भर इनकी देखरेख करते हुए, ये फल आम जनता, स्कूलों और सामाजिक संस्थाओं में निशुल्क वितरित करते हैं।
अब तक, वे 100 से ज्यादा स्कूलों में 15,000 से अधिक बच्चों को अमरूद वितरित कर चुके हैं। इसके साथ ही, किसानों, राहगीरों और संस्थाओं को भी अमरूद बांटे हैं, कुल मिलाकर 20,000 किलो अमरूद का वितरण कर चुके हैं। इसके अलावा, इनकी मुहिम ने हजारों पक्षियों को सहारा दिया है, जो उनके पेड़ों और तालाबों से जीवित रहते हैं।
साहू दंपति ने 1100 पपीते के पौधे, 3000 चंदन के पौधे, 1000 सहजन के पौधे और 20000 किलो अमरूद को पौधों से लेकर बंदरों और गायों तक के लिए वितरित किया है। इसके अलावा, उन्होंने 15,000 से 20,000 विद्यार्थियों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया है।
साहू दंपति की यह मुहिम पर्यावरण संरक्षण और समाज कल्याण का एक बेहतरीन उदाहरण बन गई है, और उनके काम ने क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर सराहना प्राप्त की है।
इस अभियान से जुड़ी और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए साहू दंपति का संपर्क साधें और उनका प्रेरणादायक कार्य अपने जीवन में अपनाएं।*
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