Grand NewsGrand News
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • खेल
  • धर्म
  • वायरल वीडियो
  • विदेश
Search
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Reading: Special Story Kumbh Mela : आस्था, परंपरा और संस्कृति का प्रतीक कुंभ मेला, क्या हैं इसकी पौराणिक मान्यता
Share
Notification Show More
Font ResizerAa
Font ResizerAa
Grand NewsGrand News
Search
  • छत्तीसगढ़
  • मध्य प्रदेश
  • मनोरंजन
  • खेल
  • धर्म
  • वायरल वीडियो
  • विदेश
Follow US
© 2022 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
Grand News

Special Story Kumbh Mela : आस्था, परंपरा और संस्कृति का प्रतीक कुंभ मेला, क्या हैं इसकी पौराणिक मान्यता

Aarti Beniya
Last updated: 2024/12/15 at 1:02 PM
Aarti Beniya
Share
2 Min Read
Special Story Kumbh Mela : आस्था, परंपरा और संस्कृति का प्रतीक कुंभ मेला, क्या हैं इसकी पौराणिक मान्यता
Special Story Kumbh Mela : आस्था, परंपरा और संस्कृति का प्रतीक कुंभ मेला, क्या हैं इसकी पौराणिक मान्यता
SHARE

Special Story Kumbh Mela : कुंभ मेला हिंदू धर्म का एक पवित्र और ऐतिहासिक त्योहार है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। यह दिव्य मेला हर 12 साल में चार प्रमुख स्थानों—हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। कुंभ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर और आस्था का महापर्व है।

पौराणिक इतिहास
प्राचीन ग्रंथों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश को लेकर देवताओं और असुरों के बीच युद्ध हुआ। अमृत की कुछ बूंदें हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में गिरीं, जिससे ये स्थान पवित्र बन गए। तभी से इन जगहों पर कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।

- Advertisement -
Ad image

ज्योतिषीय महत्व:
कुंभ मेले का समय और स्थान ज्योतिषीय गणनाओं के आधार पर तय होता है:
– हरिद्वार: जब बृहस्पति कुंभ राशि और सूर्य मेष राशि में होते हैं।
– प्रयागराज: जब सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति मकर राशि में होते हैं।
– नासिक: जब बृहस्पति सिंह राशि में प्रवेश करता है।
– उज्जैन: जब बृहस्पति सिंह राशि और सूर्य मेष राशि में होते हैं।

- Advertisement -

इन खगोलीय घटनाओं को पौराणिक कथाओं में अमृत की सुरक्षा से जोड़ा गया है।

- Advertisement -

कुंभ मेले का सबसे महत्वपूर्ण भाग गंगा स्नान है। हरिद्वार और प्रयागराज में गंगा, नासिक में गोदावरी, और उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर स्नान को जीवन के पापों से मुक्ति और मोक्ष का मार्ग माना गया है।

कुंभ मेले में केवल भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। यह आयोजन भक्ति, परंपरा और मानवता का संगम प्रस्तुत करता है।

TAGGED: Special Story Kumbh Mela
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Copy Link Print
Previous Article CG: अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे से नक्सलियों में खलबली, 25 लाख के इनामी 5 सरेंडर, बस्तर में 9 गिरफ्तार CG: अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे से नक्सलियों में खलबली, 25 लाख के इनामी 5 सरेंडर, बस्तर में 9 गिरफ्तार
Next Article CG BREAKING: कांकेर में नक्सली IED ब्लास्ट, बीएसएफ जवान घायल, रायपुर किया गया रेफर, देखें वीडियो CG BREAKING: कांकेर में नक्सली IED ब्लास्ट, बीएसएफ जवान घायल, रायपुर किया गया रेफर, देखें वीडियो

Latest News

NEET Result 2025 OUT : नीट यूजी परीक्षा का रिजल्ट जारी, एक क्लिक में चेक करें परिणाम 
Grand News June 14, 2025
जानिए क्यों अविवाहित जोड़े नहीं करते पूरी के जगन्नाथ जी के दर्शन
Jagannath Puri Mandir : जानिए क्यों जगन्नाथ पुरी मंदिर में अविवाहित जोड़ों की नहीं मिलती एंट्री, क्या हैं परंपरा
Grand News धर्म June 14, 2025
Ban On Fishing In CG : छत्तीसगढ़ में 16 जून से 15 अगस्त तक मछली पकड़ने पर रोक, उल्लंघन करने पर मिलेगी सजा
Grand News June 14, 2025
Holiday In Schools: राजधानी में 25 दिसंबर से स्कूलों में मिलेगी एक माह की छुट्टी, आदेश जारी
CG : छत्तीसगढ़ में इस दिन खुलेंगे बच्चों के स्कूल, समय में हुआ बदलाव
Breaking News Grand News छत्तीसगढ़ रायपुर June 14, 2025
Follow US
© 2024 Grand News. All Rights Reserved. Owner - Rinku Kahar. Ph : 62672-64677.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?