रायपुर। CG NEWS : पूर्ववर्ती सरकार में महासमुंद व आरंग के भूमाफिया हरमीत सिंह खनूजा ने तत्कालीन रायपुर तहसीलदार अजय चंद्रवंशी व राजस्व अधिकारियों से साठगांठ कर जैतू साव मठ की बेसकीमती जमीन को हड़पने का आरोप हीरापुर निवासी अकलेश जैन ने पत्रकारवार्ता में कही। प्रार्थी का कहना है कि जैतू साव मंदिर के अधीन रायपुर के रामचन्द्र स्वामी मंदिर सार्वजनिक ट्रस्ट प्रबंधक कलेक्टर रायपुर के अधीन धरमपुरा की 500 करोड़ की बेसकीमती जमीन पर तहसीलदार ने फर्जी महंत राम आशीष दास के नाम चढ़ाते हुए तहसीलदार ने कलेक्टर का नाम विलोपित कर करोड़ो की जमीन को फर्जी महंत के नाम करने का आरोप लगाया। मीडिया से चर्चा के दौरान हीरापुर निवासी अकलेश जैन ने बताया कि पुरानी बस्ती में सैकड़ों साल पुराना मंदिर है जिसमें शहर के लाखों नागरिकों की आस्था बनी हुई है। वह गोपीदास मंदिर व हनुमान मंदिर की सैकड़ों करोड़ की दान दी गई संपत्ति को भू-माफिया हरमीत सिंह खनुजा अपना निजी जमीन बताकर पिछले तीन साल से जमीन हड़पने के साथ उसे अवैध रूप से बेच रहा। जबकि तत्कालीन अपर कलेक्टर व पंजीयक सार्वजनिक न्यास आर.एस. धाकड़ ने अपने आदेश दिनांक 14.03.1988 में जैतुसाव मठ सार्वजनिक न्यास जिसके अधीन गोपीदास मंदिर बताया है।
डिटेल में जानिए पूरा मामला
रायपुर, हीरापुर, टाटीबंध निवासी अलकेश जैन ने आज प्रेस क्लब रायपुर में पत्रकार वार्ता में महासमुन्द के भू-माफिया हरमीत सिंह खनुजा पर हनुमान मंदिर व गोपीदास मंदिर के तथा कथित स्वयं भू महंत व फर्जी सरवराकार आशीष दास द्वारा भू-माफिया गिरोह संगठित कर हनुमान मंदिर व गोपीदास मंदिर, पुरानी बस्ती जो कि सैकड़ों साल पुराना मंदिर है जिसमें शहर के लाखों नागरिकों की आस्था का केन्द्र है जिसमें मैं भी शामिल हूॅ गोपीदास मंदिर व हनुमान मंदिर की संपत्ति धरमपुरा में सैकड़ों एकड़ जमीन है जो कि हजारों करोड़ों की सम्पत्ति है भू-माफिया हरमीज सिंह खनुजा जो विगत तीन सांल से रायपुर में जमीन हड़पने के कार्यो के लिए चर्चित है के साथ मिलकर तथाकथित महंत आशीष दास जो कि सार्वजनिक न्यास जैतुसाव मठ के अधीन गोपीदास मंदिर का तत्कालीन तहसीलदार अजय कुमार चंद्रवंशी से एक आदेश दिनॉक के द्वारा अपने आप को गोपीदास मंदिर का सरवराकार घोषित करवा लिया है, जबकि तहसीलदार को सरवराकार बनाने की अधिकारिता नहीं है गोपीदास मंदिर को अपना निजी मंदिर बताकर आशीष दास मंदिर की संपत्ति को लगातार सैकड़ों करोड़ रुपयों में अवैध बिक्री कर रहा है, जबकि तत्कालीन अपर कलेक्टर व पंजीयक सार्वजनिक न्यास आर.एस.धाकड़ ने अपने आदेश दिनॉक 14.03.1988 में जैतुसाव मठ सार्वजनिक न्यास जिसके अधीन गोपीदास मंदिर है।
सरवराकार का पद को कलेक्टर रायपुर के प्रबंधक होने से औचित्यहीन माना है उक्त आदेश की अपील होने पर जिला न्यायाधीश माननीय सविता दास द्वारा भी पंजीयक सार्वजनिक न्यास के आदेश की पुष्टि की गई है। जिसका उल्लंघन कर तत्कालीन तहसीलदार अजय कुमार चंद्रवंशी द्वारा 1 करोड़ रुपये हरमीत सिंह खनुजा से लेकर तीन सौ करोड़ की रामचन्द्र स्वामी मंदिर, हनुमान मंदिर व गोपीदास मंदिर सार्वजनिक ट्रस्ट की संपत्ति जो रामचन्द्र स्वामी मंदिर ट्रस्ट प्रबंधक कलेक्टर रायपुर के नाम पर राजस्व अभिलेखों में सैकड़ों साल से दर्ज रहा है जिसे उमा देवी पति जैतुसाव अग्रवाल द्वारा संवत 1944 में मंदिर को दान में दिया था दान पत्र में दानदाता द्वारा मंदिर की संपत्ति अंतरण से निष्द्धि किया गया था, दान पत्र सहित अपने से वरिष्ठ अधिकारी पंजीयक सार्वजनिक न्यास तथा कलेक्टर रायपुर के अधिकारों का अतिक्रमण कर पृथक-पृथक दो आदेश 27.02.2024 व 28.02.2024 पारित कर प्रबंधक कलेक्टर रायपुर व सार्वजनिक न्यास का नाम विलोपित कर 500 करोड़ रुपयों की लगभग 40 एकड़ जमीन कथित स्वयं भू महंत राम आशीष दास का नाम राजस्व अभिलेखों में चढ़ाने का आदेश गैरकानूनी एवं अधिकारिता से बाहर जाकर दे दिया गया है जबकि उक्त मठ के महंत राम सुंदर दास जी हैं। सभी न्यायालीन आदेशों की अवहेलना कर स्वयं भू महंत आशीष दास द्वारा ग्राम धरमपुरा की सन 1974 की विवादित रजिस्ट्री जिस पर तत्कालीन महंत लक्ष्मीनारायण दास के हस्ताक्षर होने का दावा कर पचास साल पश्चात तहसीलदार रायपुर मनीष देव साहू द्वारा अवैध रुप से बिना कलेक्टर से अनुमति लिए सोनुराम व सोनसाय साहू वल्द विश्राम साहू का नाम चढ़ा दिया गया है जबकि सार्वजनिक न्यास की संपत्ति के किसी भी प्रकार के अंतरण का अधिकार पंजीयक सार्वजनिक न्यास व कलेक्टर को होता है पंजीयक सार्वजनिक न्यास द्वारा अपने आदेश दिनॉक 25.07.2023 के द्वारा सोनसाय साहू वगैरह का नाम चढ़ाने से इंकार कर दिया गया गया था किन्तु पटवारी व तहसीलदार द्वारा अपने से वरिष्ठ न्यायालय व सार्वजनिक ट्रस्ट के मामलों के निराकरण हेतु नोटिफाईड पंजीयक एंव सार्वजनिक न्यास के आदेश दिनॉक 25.07.2023 का उल्लंघन कर अवैध व गैरकानूनी नामांतरण करने से मंदिर की बेशकिमती भूमि खसरा नंबर 298/1, 295/4-10 रकबा 1.963 हेक्टेयर को जिसकी कीमत 30 करोड़ है को ढाई करोड़ कीमती रुपये में भू-माफिया हरमीत सिंह खनुजा अपने एवं अपने सहयोगियों द्वारा रजिस्ट्री राजस्व विभाग के कर्मचारियों के सहयोग से करवा ली गयी है जैतुसाव मठ ट्रस्ट समिति द्वारा भी माननीय उच्च न्ययालय में अवैध पंजीयन निरस्तीकरण हेतु रिट याचिका दायर किया गया है जिसका प्रकरण क्रमांक के ॅच्ब् छव्.4618ध्2022 के आदेश दिनॉक 10.11.2022 में स्थगन आदेश माननीय न्यायमूर्ति पी. सेम जोशी द्वारा रोक लगाते हुए आदेश जारी कर यथास्थिति बनाए रखने कहा गया है किन्तु भू-माफिया व राजस्व अधिकारियों द्वारा मान. उच्च न्यायालय सहित अपने उच्च अधिकारियों के आदेशों का उल्लंघन कर सार्वजनिक ट्रस्ट मंदिर की करोड़ों की सम्पत्ति को भू-माफियाओं द्वारा अफरा तफरी की गई, श्री जैन ने कलेक्टर रायपुर से सम्पूर्ण फर्जीवाड़ा की सूक्ष्म जांच कर दोषी अधिकारियों एवं भूमाफियाओं पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर जेल भेजने की मांग करते हुए बताया कि मेरे सहयोगी मित्र मुकुल सिंह निवासी गणेश नगर को इसी जमीन को साफ सुथरा एवं वाद रहित बताकर 21 लाख रुपय का चुना बिक्री अनुबंध 7 दिसम्बर 2022 को निष्पादित कर लगाया गया है आशीष दास द्वारा मेरे मित्र से 21 लाख बैंक से तथा कई लाख रुपये नगद लिया जाकर अपने सहयोगी भू माफिया हरमीत सिंह खनुजा, महासमुंद व उसके पार्टनरों को मंदिर की संपत्ति की रजिस्ट्री दिनॉक 23.09.2024 को कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि हरमीत सिंह खनुजा, महासमुंद तुमगांव में दर्जनों लोगो को चुना लगाकर रायपुर में लगभग 500 करोड़ की विवादित भूमियों का निपटाने का सौदा खरीदा है जिसमें बुनकरों मजदूरों की पंडरी स्थित जमीन में कुटरचना का हड़पने सहित भाजपा के जिला पदाधिकारी की सड्डू स्थित सैकड़ों साल पुरानी जमीन को हड़पने का मामला सहित तेलीबांधा क्षेत्र की जमीन का मामला चर्चा में है। विगत दिनों बुनकर मजदूरों ने गांधी पुतला के सामने इन्हीं भू-माफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही हेतु धरना भी दिया गया है महासमुंद में बड़ें झाड़ के जंगल को भी अपने नाम पर हरमीत सिंह खनुजा द्वारा अपने नाम पर चढ़वाया गया है संस्था द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित पुलिस थाने में शिकायत की गई है प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कलेक्टर कांफ्रेंस में भू माफियाओं के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। पर जिले के अधिकारी भू-माफियाओं पर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं मेरे द्वारा इन भू-माफिया हरमीत सिंह खनुजा से दर्जनों पीड़ीतों को एक मंच पर लाकर बड़ा आंदोलन कार्यवाही न होने पर चलाया जावेगा। कांग्रेस सरकार में राजस्व अधिकारियों से सांठगांठ कर मंदिर व सार्वजनिक संस्थाओं की सैकड़ों करोड़ों की जमीन की अफरा-तफरी करने वाले भू-माफिया को भाजपा सरकार में राजस्व मंत्री के निज सहायक दुर्गेश वर्मा के चैम्बर में हरमीत सिंह खनुजा रोजाना बैठे नजर आता है हिन्दुवादी भाजपा सरकार में मंदिर संपत्ति हड़पने के अवैध आदेश निरस्त किए जावें एवं भू-माफियाओं सहित करोड़ों रुपये लेकर गैरकानुनी आदेश करने वाले राजस्व अधिकारियों को बर्खास्त कर जेल भेजा जावें।