MP NEWS : यह मामला मध्य प्रदेश के सीधी जिले से जुड़ा हुआ है, जहां डॉक्टर रामजस चौधरी, जो शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय सीधी में अतिथि विद्वान के रूप में कार्यरत थे, ने आरोप लगाया है कि उन्हें लगातार आरएसएस जॉइन करने और “जय श्री राम” के नारे लगाने के लिए दबाव डाला जा रहा था। जब उन्होंने इससे इनकार किया, तो उन्हें प्रताड़ित किया जाने लगा और कई बार उन पर हमले भी किए गए।
डॉ रामजस चौधरी का दावा है कि एक बार तो उन्हें साथी अतिथि विद्वानों ने कॉलेज के बाथरूम में बंद कर दिया था। इसके बाद, उन्होंने इस मुद्दे को लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने अनुसूचित जातियों और जनजातियों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ न्याय की मांग की।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई की और याचिकाकर्ता को सीधी जिले के एसपी और मझगवां थाने के टीआई के खिलाफ एस्ट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की स्वतंत्रता दी। इसके अलावा, अदालत ने उन हमलावरों के खिलाफ भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
दिलचस्प बात यह है कि याचिका दायर करने के अगले दिन यानी 10 दिसंबर को डॉ रामजस चौधरी को बर्खास्त कर दिया गया, और इस आदेश को याचिका में शामिल किया गया। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में हमले से संबंधित फोटो और दस्तावेजी प्रमाण भी प्रस्तुत किए हैं।