जशपुर | CG: एशिया का दूसरा सबसे बड़ा चर्च, जानिए छत्तीसगढ़ के कुनकुरी महागिरजाघर छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित कुनकुरी महागिरजाघर एशिया का दूसरा सबसे बड़ा चर्च है। इसकी भव्यता, अनोखी वास्तुकला और धार्मिक महत्व इसे खास बनाते हैं। 1962 में इसकी नींव रखी गई और 13 सालों में इसका निर्माण पूरा हुआ।
यह चर्च 10,000 लोगों की क्षमता के साथ 7 छतों और 7 दरवाजों के प्रतीकात्मक महत्व को दर्शाता है। इसके निर्माण में कई राज्यों ने योगदान दिया, जिससे यह सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक बन गया।
नागालैंड के चर्च के बाद एशिया में दूसरा स्थान पाने वाला यह चर्च आज छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक धरोहर और आस्था का केंद्र है।
कुनकुरी चर्च का इतिहास
इस चर्च को तब बिशप स्तानिसलास ने बेल्जियम के सुप्रसिद्ध वास्तुकार कार्डिनल जेएम कार्सी एसजे से इसका नक्शा बनवाया था।इस चर्च का निर्माण वर्ष 1962 में शुरू हुआ जो वर्ष 1979 मे पूरा हुआ।निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद महागिरजाघर का लोकार्पण 1982 मे हुआ।इस चर्च को पूर्ण रूप से बनने में 17 वर्षों का समय लगा,कहा जाता है कि इसकी नींव तैयार करने में ही 2 वर्षों का समय लगा था।कुनकुरी शहर बसने में इस चर्च की अपनी अहम भूमिका है।इस चर्च केबनने के बाद यहाँ लोयोला स्कूल, होली क्रॉस अस्पताल बना उसी के बाद से आसपास क्षेत्र में लोग बसने लगे। इससे पहले कुनकुरी एक छोटा सा गाँव था लेकिन आज के समय में यह शहर में तब्दील हो चुका है।