इससे कहीं पर भी किसी भी डॉक्टर द्वारा मरीज की पूरी हेल्थ हिस्ट्री जानने में कोई दिक्कत नहीं होगी। एप के तहत यूजर्स को स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। इसके तहत कोई भी व्यक्ति आभा कार्ड बनवा सकता है। इसमें पंजीयन के लिए मरीज या परिजन को एप या जिला अस्पताल के एप का क्यूआर कोड का इस्तेमाल करना पड़ेगा।
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. यशवंत कुमार ध्रुव व अस्पताल प्रमुख सलाहकार डॉ. स्वाति यदु ने बताया कि आभा एप का उपयोग कोई भी स्मार्ट मोबाइल धारक कर सकता है। एप या क्यूआर कोड के माध्यम से रजिस्टर्ड ऑप्शन में जाकर अपना मोबाइल नंबर और आधार कार्ड नंबर दर्ज कर रजिस्टर्ड करें।
इसके बाद ओटीपी सत्यापन होगा और उपयोगकर्ता को अपना नाम, लिंग, जन्म तिथि, मोबाइल नंबर व ईमेल का विवरण देना होगा। इस एप से संबंधित क्यूआर कोड जिला अस्पताल में चस्पा किया गया है।
आयुष्मान भारत
आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट यानी आभा कार्ड भारत सरकार की ओर से जारी होने वाला एक डिजिटल हेल्थ कार्ड है। इस कार्ड के अंदर आपका पूरा मेडिकल रिकार्ड मौजूद होता है। इससे आप अपनी हेल्थ रिलेटेड जानकारी बड़ी आसानी से और सेटी के साथ डिजिटल स्टोर कर सकते हैं। जिन लोगों के पास आभा कार्ड नहीं होता। उनके स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी अलग-अलग जगहों पर बिखरी होती है, जिससे जरूरत के समय पर सारी जानकारी मौजूद नहीं होती और जब आप अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं। तब आपके पास जरुरी मेडिकल रिकॉर्ड नहीं होता।
समझें क्या है आभा कार्ड और क्यों है जरूरीभारत सरकार देश के लोगों के लिए तरह-तरह के कार्ड जारी करती है। इन सभी कार्ड्स का इस्तेमाल अलग-अलग कामों में होता है। प्रभारी जिला मीडिया अधिकारी स्वास्थ्य विभाग संजय तिवारी ने बताया कि सरकार फ्री इलाज के लिए आयुष्मान कार्ड जारी करती है। वहीं वोट देने के लिए वोटर कार्ड जारी करती है। इनकम टैक्स और बैंकिंग से जुड़े कामों के लिए पैन कार्ड जारी करती है। पहचान पत्र के तौर पर आधार कार्ड जारी होता है। साल 2021 में भारत सरकार ने आभा कार्ड भी लांच किया। यह कार्ड बाकी सभी कार्ड से अलग है। कार्ड के न होने से लोगों के काम नहीं रुकते। इसके इस्तेमाल आपके काफी काम आसान हो जाते हैं।