भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया के हाथों चौथे टेस्ट में 184 रन की हार को मानसिक रूप से परेशान करने वाली करार दिया। उन्होंने सोमवार को स्वीकार किया कि उनकी टीम इस मैच में संघर्ष करने का जज्बा दिखाने में विफल रही। भारत पांच मैचों की इस सीरीज में 1-2 से पीछे हो गया है।
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रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे रोहित ने मैच के बाद कहा, ‘यह मानसिक रूप से परेशान करने वाला होता है जब आप वह नहीं कर पाते जो करने आए हैं। यह काफी निराशाजनक है। मैच जीतने के तरीके होते हैं और हम यहां मैच जीतने के तरीके ढूंढने में चूक गए। हम अंत तक टक्कर देना चाहते थे लेकिन दुर्भाग्य से हम ऐसा नहीं कर सके।’ऑस्ट्रेलिया अपनी दूसरी पारी में छह विकेट पर 90 रन बनाकर संघर्ष कर रहा था और रविवार को उस समय उसकी कुल बढ़त अभी 200 तक नहीं पहुंची थी। टीम हालांकि पुछल्ले बल्लेबाजों के संघर्ष से भारत को 340 रन का लक्ष्य देने में सफल रही।
‘लियोन-बोलैंड की साझेदारी ने मैच से दूर कर दिया’
उन्होंने कहा, ‘हमने जो भी मौके बनाये उसे गंवा दिए। उन्होंने कड़ा संघर्ष किया। खासकर आखिरी विकेट की उनकी साझेदारी ने, शायद उस साझेदारी ने मैच को हमसे दूर कर दिया।’ रोहित ने कहा कि टीम मुश्किल परिस्थितियों के बावजूद लक्ष्य हासिल करना चाहती थी। उन्होंने कहा, ‘हम जानते थे कि 340 रन बनाना आसान नहीं होगा। हमने एक मंच तैयार करने और आखिरी दो सत्रों के लिए विकेट बचाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने अच्छी गेंदबाजी भी की।
कमिंस ने बताया- क्यों पारी घोषित नहीं की
वहीं, ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने दूसरी पारी घोषित नहीं करने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि वह भारत के लिए इस मैच को जीतने की संभावना को कम करना चाहते थे। ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुने गए कमिंस ने कहा, ‘हम भारत को जीत की समीकरण से दूर ले जाना चाहते थे। हमारे पास मैच बचाने के लिए बहुत रन थे और और बल्ले के चारों अधिक फील्डर तैनात कर दबाव बनाना चाहते थे।’