दिल्ली विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा दिन बाकी नहीं रह गए हैं औरआम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल बीजेपी पर लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए हैं। दिल्ली में सत्तारूढ़ ‘आप’ और विपक्षी भाजपा के बीच वाकयुद्ध तेज हो गया है और दोनों पक्षों के प्रमुख नेताओं के बीच विभिन्न मुद्दों पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी के आरोपों पर जवाब दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 10 साल में केंद्र सरकार ने दिल्ली में कोई काम नहीं किया। दिल्ली में झुग्गियां तोड़ी जा रही है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आपदा बीजेपी में आई हुई है। पहली आपदा बीजेपी के अंदर दिल्ली के सीएम का कोई चेहरा नहीं। दूसरी आपदा है कि बीजेपी के पास कोई नैरेटिव नहीं है। वहीं तीसरी आपदा है कि बीजेपी के पास कोई नैरेटिव नहीं है।केजरीवाल ने कहा कि आज प्रधानमंत्री दिल्ली आए थे, 43 मिनट का भाषण दिया। 39 मिनट तक उन्होंने दिल्ली की प्रचंड बहुमत से बनी सरकार को गालियां दी। केजरीवाल ने कहा कि दस साल में दिल्ली सरकार ने कितने काम किए ये बताने में मुझे दो से तीन घंटे लगेंगे, लेकिन बीजेपी ने ऐसा कुछ नहीं किया जो आज प्रधानमंत्री बता पाते।
ये लोग गरीबों के दुश्मन
पूर्व सीएम ने कहा कि पिछले पांच साल में झुग्गी तोड़ तोड़ कर लोगों को सड़क पर ला दिया। ये लोग गरीबों के दुश्मन हैं। कालका जी में जो मकान बनाए वो नरक से कम नहीं हैं। प्रधानमंत्री ने आज तीन कॉलेज का शिलान्यास किया। केजरीवाल ने सवालिया लहजे में कहा कि दस साल लग गए आपको इन तीन कॉलेज की शीला रखने में?
पीएम मोदी ने क्या कहा था ?
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम आदमी पार्टी को दिल्ली के लिए ‘आपदा’ करार देते हुए कहा था कि पिछले 10 सालों में कुछ ‘कट्टर बेईमान’ लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी को ‘आप-दा’ में धकेल दिया है। आवास एवं शिक्षा समेत राष्ट्रीय राजधानी में इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी विभिन्न परियोजनायों के उद्घाटन और शिलान्यास के बाद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पर निशाना साधा और कहा कि अगर राष्ट्रीय राजधानी में इसका शासन चलता रहा तो हालात ‘बदतर’ हो जाएंगे।
उन्होंने आप सरकार पर स्कूली शिक्षा से लेकर प्रदूषण के खिलाफ जंग और शराब के कारोबार समेत कई क्षेत्रों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ केंद्र की सरकार राजधानी के लोगों के जीवन को आसान बनाने के बहुत प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के विकास के वादे कर सत्ता में आने वाली केंद्र शासित प्रदेश की सरकार ‘आप-दा’ बनकर दिल्ली पर टूट पड़ी है।