पत्थलगांव।। नगर पंचायत पत्थलगांव में लाखों रुपये से बनने वाली सीसी सड़कें दो से तीन महीने बाद ही उखड़ रही हैं। ये घटिया निर्माण सामग्री इस्तेमाल किए जाने की पोल खोल रही हैं। वहीं, सरकारी मशीनरी की अनदेखी के चलते सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का खेल जारी है। वर्तमान में शहर में निर्माणाधीन सीसी सड़को में जाकर जागरूक नागरिकों ने सड़कों का जायजा लिया तो वहां ठेकेदार के आदमी द्वारा निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा रहा था लेकिन निर्माण की गुणवत्ता को देख रेख करने वाला एक भी पंचायत का कर्मचारी या फिर नगर पंचायत का इंजियर मौजूद नहीं था। यही वजह है कि तीन महीने पूर्व आधा दर्जन से ज्यादा बनाई सड़कें जर्जर हो चुकी हैं कई जगह सड़क से गिट्टी छर्रे की तरह बिखर गए है तो कही दरार आ गए है कई जगह तो टूट भी गए है। बता दे सड़क निर्माण के समय ही स्थानीय लोगों ने गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए थे। इसके बावजूद नगर पंचायत के महिला इंजीनियर ने मौके पर पहुंचना जरूरी नहीं समझा था। इसका परिणाम अब सामने है। यह सड़क जगह-जगह से टूटनी शुरू हो गई है। इससे सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार खुलकर सामने आ गया है।
read more: CG NEWS : 11वीं की छात्रा के मां बनने मामले पर एक्शन मोड में कलेक्टर, अधीक्षिका को क्या निलंबित
सिक्योरिटी डिपोजिट का कोई कार्य नहीं होना संशय में
सड़क निर्माण उपरांत पांच साल तक सड़क सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी संबंधित ठेकेदार की है। उसकी एसडी राशि नगर पंचायत के पास बंधक रहती है। समयावधि में सड़क टूट या खराब होता है तो ठेकेदार को सड़क दुरुस्त करवाना है, यदि ठेकेदार सड़क दुरुस्त नहीं कराएगा तो पंचायत उसकी राशि जब्त कर मरम्मत कराएगा। लेकिन यह अपने आप में अनोखा इतिहास है कि पत्थलगांव नगर पंचायत में विगत 10 वर्षों के अंतराल में अनेकों ऐसे सीसी सड़क निर्माण हुए जो कुछ महीनो के दौरान ही जर्जर हो गए परंतु उस जर्जर हुए सड़क का सुधार निर्माण ना तो ठेकेदार ने कराया नही पंचायत ने कराया । उसके विपरीत पंचायत ने ठेकेदार का डिपोजिट की राशि बचाने नवीन टेंडर लगाकर जर्जर सड़क के ऊपर फिर से भ्रष्टाचार करते हुए नई सड़क का निर्माण नए ठेकेदार से करा दिया।वहीं सड़क निर्माण में यह भी देखा जा रहा है कि ठेकेदार द्वारा सड़क किनारे गड्ढा कर दलाई करते हुए 7 से 8 इंची दर्शाया गया है वही सड़क की बीच की मोटाई महज डेढ़ से 2 इंच ही है।
कराएंगे कार्य
वही इस संबंध में नगर पंचायत की इंजीनियर प्रफुला टोप्पो ने बताया कि वह एक मात्र इंजीनियर है जिसकी वजह से सभी जगह निर्माण कार्य में उपस्थित नहीं रहती,परंतु उनके द्वारा लगातार मॉनिटरिंग किया जा रहा है समय अवधि में खराब हुई सड़क का निर्माण ठेकेदार के एसडी की राशि से कराया जाएगा।