बिलासपुर। Chhattisgarh : थरथराते हुए हाथ, कांपते हुए पांव और न्याय की आस में पथराई आंखों के जरिए दर –दर भड़क रहे 75 वर्षीय बुजुर्ग निहचल सिंह प्रशासनिक प्रपंचों से बुरी तरह हार गए है, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक उदासीनता के कारण निहचल पूरी तरह से हताश होकर अब शासन से इच्छा मृत्यु की मांग करने पर मजबूर है।
इन 75 वर्षीय बुजुर्ग को जरा देखिए। ये है तखतपुर निवासी निहचल सिंह। 75 वर्ष की आयु में प्रशासनिक उदासीनता के शिकार न्याय पाने की अब अंतिम चाह के साथ उनकी आँखें अपने उम्र के दराज में अब भी उम्मीदें लगाए हुए है। दरअसल इनका कहना है कि ये तखतपुर जिला बिलासपुर के रहने वाले है। इनका आरोप है कि पंजाब बैंक में इन्होंने वर्ष 2010 में अपने जीवनभर की गाढ़ी कमाई फिक्स डिपॉजिट के रूप में 10 लाख अपने, पत्नी और बच्चों के नाम पर करवाया था। वर्ष 2023 में वे इसे रिनिवल करवाने बैंक गए तब पता चला कि बैंक मैनेजर और कैशियर के द्वारा खाते में छेड़छाड़ कर नगद राशि का गबन कर दिया गया।
जो कि नियम विरुद्ध और फर्जी तरीके से गबन कर दिया गया। इसको लेकर 75 वर्षीय बुजुर्ग पिछले 11 माह से कलेक्टर के जन दर्शन, थाना, एस पी और आईजी के चक्कर काट रहे है। कोरोनाकाल में पत्नी को खो चुके और बच्चे समेत अपने इलाज के लिए पैसे के अभाव में कुछ भी करने में असफल निहचल सिंह प्रशासनिक उदासीनता से पूरी तरह से टूट चुके है और अब वे शासन से इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे है।